Manuscript Number : SHISRRJ24767
भारतीय ग्रामीण विकास में स्व-सहायता समूह का योगदान-एक अध्ययन (रीवा जिले के विशेष संदर्भ में)
Authors(1) :-डाॅ. सीमा पटेल स्व-सहायता समूह ग्रामीण गरीबांे की आर्थिक उन्नति का सशक्त मंच बनकर उभर रहे हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय की इस योजना से गरीब भारत की तस्वीर बदलने लगी है। इसमें कोई शक नहीं है कि स्व-सहायता समूह का निर्माण भारत सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है, जिसके माध्यम से न सिर्फ लोगों को रोजगार उपलब्ध करा सके, बल्कि एकजुट होकर सामाजिक कुरीतियां, नारी उत्पीड़न और लोगों के मन से बड़े-छोटे के भेदभाव को भी मिटा सके। वहां ये समूह ग्रामीण गरीबों की आर्थिक उन्नति का सशक्त मंच बनकर उभर रहे हैं। भारत में स्व-सहायता समूहों का विकास तो तेजी से हो रहा है, परंतु इन समूहों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। प्रशिक्षण का अभाव, और भी कई कठिनाईयाँ और चुनौतियाँ है जिन पर ध्यान देकर स्व-सहायता समूह व्यवस्था को 9 अधिक कारगर व लाभप्रद बनाया जा सकता है। इनमें एक पहलु लघु ऋण देने वाले बैंक की भूमिका से जुड़ा है। वाणिज्यिक बैंक की ऋण नीतियाँ स्व-सहायता समूहांे की संरचना व उद्देश्यों से मेल नहीं खाती। बैंक को स्व-सहायता समूह की अवधारणा समझने में ही लंबा समय लग जाता है और जब समझ जाते हैं तब भी पर्याप्त ऋण उपलब्ध नहीं करा पाते। स्व-सहायता समूहांे का विकास व अन्य समुचित एजेंसियों से जुड़ाव नहीं हो पाया है। समूह एक अलग इकाई के रुप में काम करते हैं। जिससे कोई बड़ी या महत्वपूर्ण गतिविधि को हाथ में नहीं ले पाते, इसका परिणाम यह होता है कि उनमें उत्साह नहीं रहता और वे निष्क्रिय होने लगते हैं। यदि इन समूह को सरकारी परियोजनाओं या पंचायत के कार्यों से जोड़ दिया जाता है तो इनकी उपयोगिता निश्चित रूप से बाव भी दे सकते हैं। आवश्यकता इस बात कि है की स्व-सहायता समूहों को सरकार पर्याप्त मात्रा में समय-समय पर धन उपलब्ध कराती रहे।
डाॅ. सीमा पटेल स्व-सहायता समूह, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति, ग्रामीण विकास। Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 6 | November-December 2024 Article Preview
सहायक आचार्य, समाजशास्त्र विभाग, स्वामी जयदेव योगीराज पी0जी0 काॅलेज, मुजफ्फरपुर, मदनापुर, शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2024-12-12
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 47-58
Manuscript Number : SHISRRJ24767
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ24767