Manuscript Number : SHISRRJ24770
विकासखण्ड सरसावां (जनपद-सहारनपुर) में साक्षरता एवं शिक्षण संस्थाओं का तुलनात्मक अध्ययन
Authors(2) :-मनजीत सिंह, डाॅ. प्रेम शंकर पाण्डेय मानवीय संसाधनों के गुणात्मक पहलू को सुदृढ़ बनाने में शिक्षा का अद्वितीय योगदान है, इसलिए शिक्षा सामाजिक-आर्थिक विकास का एक अनिवार्य अंग बन चुकी है। आधुनिकीकरण एवं सामाजिक जागरुकता के स्तर को साक्षरता प्रमुख रूप से प्रभावित करती है। किसी क्षेत्र के सम्पूर्ण सामाजिक व्यक्तित्व के ज्ञान के लिए साक्षरता का अध्ययन आवश्यक है। वस्तुतः शिक्षा को एक दिशा प्रदान करने एवं उनके प्रत्येक पहलुओं जैसे- सामाजिक कुरीतियों, भाषा संकीर्णता एवं जाति प्रथा आदि को परिमार्जित करने में सहायक सिद्ध होती है। इसलिए संसाधनों के नवीनीकरण एवं प्रतिनिधि परिवर्तनों की दिशा में इसकी उपयोगिता विवाद रहित है, क्योंकि विकास की आत्मा के रूप में यह समाज का मूल आधार एवं वास्तविक मापदण्ड है। विकासखण्ड में षिक्षा मानव विकास का निर्धारण करता है, तथा उससे सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति निर्धारित होती है। षिक्षा का स्तर, व्यवसाय एवं आय तीनों एक साथ मिलकर समाज की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करते हैं इसलिए क्षेत्रीय विकास तथा सामाजिक परिस्थिति को ऊँचा करने के लिए शैक्षिक संस्थाओं का उचित वितरण अपेक्षित है।
मनजीत सिंह उद्यमषीलता विकास, सषक्तिकरण, बौद्धिक विकास, आधुनिकीकरण, साक्षरता । Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 6 | November-December 2024 Article Preview
शोध छात्र, भूगोल विभाग, भारतीय महाविद्यालय, फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
डाॅ. प्रेम शंकर पाण्डेय
असि0 प्रोफेसर, शोध पर्यवेक्षक भूगोल विभाग, भारतीय महाविद्यालय, फर्रुखाबाद
Date of Publication : 2024-12-12
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 75-82
Manuscript Number : SHISRRJ24770
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ24770