Manuscript Number : SHISRRJ25821
गुलशेर अहमद खाँ ‘शानी’ की कहानियों में जनजातीय जीवन
Authors(1) :-अनुपम कुमार गुलशेर अहमद खाँ ‘शानी’ हिन्दी साहित्य में जनजातीय जीवन पर लेखनी चलाने वाले रचनाकार रहे हैं। इन्होंने उपन्यास, कहानी, कविता आदि विधाओं पर लेखनी चलाई है। इनका काला जल उपन्यास हिन्दी साहित्य की प्रमुख कृति है। गुलशेर अहमद खाँ ‘शानी’ का जीवन बस्तर क्षेत्र के जनजातीय समूह के सम्पर्क में व्यतीत हुआ। उन्होंने अपने चारों ओर के वातावरण में व्याप्त जनजातीय तत्वों को साक्षात अनुभूत किया। इस अनुभूति को उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से जन समाज के समक्ष प्रस्तुत किया। जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास को दृष्टिगत रखते हुए ‘शानी’ ने इस समाज की प्रमुख समस्याओं को अपनी कहानियों के माध्यम से आइना दिखाया है। इनकी कहानियों में पात्र जीवन्त रूप में अभिनय करते हुए प्रतीत होते हैं। इन कहानियों में जनजातीय समाज के लोगों के चरित्र की प्रमुख विशेषताओं का हास्य और रूदन स्पष्ट दृष्टिगत होता है।
अनुपम कुमार जनजाति, कहानी, पात्र, आदिवासी, समाज, टैक्स, बाजार, युवती, युवक, भातलाँदा, घोटुल, असफल, कथावस्तु। Publication Details Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025 Article Preview
असि. प्रोफेसर, के. के. कालेज, इटावा, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2025-02-10
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 85-90
Manuscript Number : SHISRRJ25821
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ25821