Manuscript Number : SHISRRJ258214
वर्तमान भारत में श्रीराम शर्मा आचार्य के शैक्षिक विचारों का अध्ययन
Authors(2) :-Akhilesh Chandra Yadav, Dr. Vibha Singh प्रस्तुत शोध "वर्तमान भारत में श्रीराम शर्मा आचार्य के शैक्षिक विचारों का अध्ययन" है। आचार्य श्रीराम शर्मा जी का शिक्षा दर्शन अत्यन्त सरल एवं व्यवहारिक है। उन्होंने बताया है कि शिक्षा व्यक्तिगत जीवन, समाज परिवार, एवं राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करे तथा बालक को जीवन की यथार्थता से परिचित कराये। व्यक्ति स्वयं को पहचाने तथा अपने चित्त की वृत्तियों का शोधन करना सीखे तभी शिक्षा पद्धति सार्थक सकेगी। वर्तमान में शिक्षा से व्यक्ति एवं समाज की अपेक्षाये अधूरी एवं निराशात्मक है। अतः शिक्षा को जीवन की यथार्थता से जोड़े जाने की नितान्त आवश्यकता हैं शिक्षा पर खर्च होने वाले समय, धन एवं शक्ति का तभी उचित लाभ समाज व राष्ट्र को प्राप्त हो सकता हैं। आचार्य जी द्वारा व्यक्ति उपरोक्त विचार से शिक्षा पद्धति को उपयोगी एवं प्रभाव पूर्ण बना सकते है। "आचार्य जी का व्यक्तित्व महाक्रान्ति का पर्याय बनकर उभरा है। वह उन विरल प्रज्ञा पुरूषों में थे जिनमे ऋषित्व और मनीषा एकाकार हुई थी। जिन्होंने धर्म का आच्छादन तोड़ने दर्शन को बुद्धिवाद के चक्रव्यूह से निकालने की हिम्मत जुटाई, धर्म-दर्शन और विज्ञान के कटु-तिक्त कशाय हो चुके सम्बन्धों की अपनी अन्तर्प्रज्ञा की निर्झरिणी से पुनः मधुरता प्रदान की। अवतारी प्रवाह सदा एक ही लक्ष्य सामने लेकर आते रहे है समय की दार्शनिक भ्रष्टता को दूर कर उसे उच्च स्तरीय चिन्तन स्तर तक घसीट ले जाना।" देश के जीवन में विभिन्न क्षेत्रों और स्तरों पर जो अन्धकार और निराशा हमे घेरे हुए है उनमें आशा की किरण आचार्य श्री राम शर्मा के शैक्षिक विचारों के द्वारा ही प्रकाशित हो सकती है। उनका शिक्षादर्शन वर्तमान शिक्षा के दोषों का निवारण करके आदर्श शिक्षा प्रणाली की संरचना में सार्थक योगदान दे सकता है। आवश्यकता इस बात की है कि व्यक्ति आचार्य श्री राम जी के विचारों से प्रेरणा ले।
Akhilesh Chandra Yadav वर्तमान भारत, आचार्य श्रीराम शर्मा, शैक्षिक विचार, पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली, गुरु शिष्य सम्बन्ध आदि।
Publication Details Published in : Volume 8 | Issue 2 | March-April 2025 Article Preview
Department of Education, Raja Harpal Singh P G College Singramau, Jaunpur (Veer Bahadur Singh Purvanchal University, Jaunpur)
Dr. Vibha Singh
Raja Harpal Singh P G College Singramau Jaunpur, U. P., India
Date of Publication : 2025-03-20
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 32-37
Manuscript Number : SHISRRJ258214
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ258214