Manuscript Number : SHISRRJ258216
बुंदेलखंड क्षेत्र और भारत में महिलाओं के विकास की तुलनात्मकस्थिति
Authors(2) :-कार्तिकेय सिंह, प्रोफेसर (डॉ.) अश्वजीत चौधरी विकास एक ऐसी नियोजनप्रक्रिया है जो किसी भी क्षेत्र में लोगों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने का कार्यकरती है। स्वतंत्रता के बाद देश में क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने और समग्र विकासको सुनिश्चित करने हेतु आर्थिक नियोजन को पाँच वर्षीय योजनाओं केमाध्यम से अपनाया गया। महिलाओं का पिछड़ापन न केवल सामाजिक संतुलनको प्रभावित करता है, बल्कि यह राष्ट्र की शांति, समृद्धि और विकास में भी बाधा बनताहै, क्योंकि जब आधी आबादी समस्याओं से जूझती है, तो देश की समृद्धि अधूरी रह जाती है। बुंदेलखंड क्षेत्र में महिलाएं सबसे कमजोर और हाशिये पर रहने वाले वर्गों में से एकहैं। क्षेत्रीय असमानताओं और महिलाओं के विकास के स्तर को मापने के लिए समग्र सूचकांकविधि (Composite Index Method) का प्रयोग किया गया है। आर्थिक विकास के तीनों सूचकोंमें शीर्ष स्थान प्राप्त करने के कारण झाँसी बुंदेलखंड क्षेत्र का सर्वाधिक विकसितजिला पाया गया है। वहीं, स्वास्थ्य संकेतकों में सबसे खराब प्रदर्शन के कारण बांदाजिला स्वास्थ्य विकास के मामले में सबसे पिछड़ा है। महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति आंशिकरूप से बेहतर हुई है, क्योंकि अब वे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रही हैं और उनके बच्चोंको भी पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
कार्तिकेय सिंह नियोजन,पिछड़ापन, महिला, सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य,समग्र सूचकांक विधि,स्वास्थ्य संकेतकों Publication Details Published in : Volume 8 | Issue 2 | March-April 2025 Article Preview
शोध छात्र पीएचडी , भूगोल विभाग, यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद
प्रोफेसर (डॉ.) अश्वजीत चौधरी
प्रोफेसर, भूगोल विभाग, यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद
Date of Publication : 2025-03-20
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 38-60
Manuscript Number : SHISRRJ258216
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ258216