भारत की विभिन्न शिक्षा नीतियां: जनपद वाराणसी में शिक्षा की स्थिति का एक अध्ययन

Authors(2) :-प्रवीण कुमार गौतम, श्रीप्रिया पाण्डेय

प्राचीन काल से ही वाराणसी अथवा काशी शिक्षा, कला, संगीत एवं साहित्य का केन्द्र रहा है। यहाँ पर अनेक संत गुरूओं ने जन्म लिया एवं उपदेश दिये जो विश्वविख्यात भी हैं। समय के उतार चढ़ाव ने वाराणसी के शिक्षा की संकृति को प्रभावित किया। वर्तमान में आधिुनिक शिक्षा ने भी वाराणसी को गौरवान्वित कर रही है। किसी भी समाज अथवा देश के विकास का मापक उसकी शिक्ष व्यवस्था है। शिक्षा ही अच्छा- बुरा का बोध कराती है एवं व्यक्ति को सही निर्णय लेने में सहायक होती है। वाराणसीजिले में शिक्षा के बुनियदी अवश्यकताओं की स्थिति किस अवस्था मेंहै। शिक्ष को केन्द्र में मान कर वाराणसीजिले के शिक्षा व्यस्था को परखने के लिए यह शोध आलेख प्रस्तुत किया जा रहा है। यह शोध पत्र द्वितीयक स्रोतों यथा प्रकाशित रिपोर्ट, शोध आलेखों, सरकारी दस्तावेजों एवं इन्टरनेट से संबंधित कार्यलय की वेबसाइट पर आधारित है।

Authors and Affiliations

प्रवीण कुमार गौतम
प्रवीण कुमार गौतम शोध छात्र, लोक प्रशासन विभाग बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय।
श्रीप्रिया पाण्डेय
श्रीप्रिया पाण्डेय शोध छात्राए इतिहास विभागए बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय।

शिक्षा, समाज, अधिगम, बच्चे, नीतियां, बहुमुखी।

Publication Details

Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025
Date of Publication : 2025-02-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 177-184
Manuscript Number : SHISRRJ25832
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

प्रवीण कुमार गौतम, श्रीप्रिया पाण्डेय , "भारत की विभिन्न शिक्षा नीतियां: जनपद वाराणसी में शिक्षा की स्थिति का एक अध्ययन", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 8, Issue 1, pp.177-184, January-February.2025
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ25832

Article Preview