अम्बेडकरदर्शनम् महाकाव्य में सांस्कृतिक विचार

Authors(1) :-संजू कनौजिया

आश्रम व्यवस्था का सिद्धान्त समाज में शासक वर्ग के वर्चस्व को बनाए रखने के लिए रचा गया। यह एक आडम्बर था, क्योंकि इसके द्वारा समाज के दलित वर्ग व स्त्रियों को शिक्षा से वंचित किया गया और समाज के बड़े हिस्से को ज्ञान शास्त्र, विद्या-शास्त्र आदि से वंचित कर समाज की प्रगति में बाधा बना जो कि समाज के लिए उचित नही है।

Authors and Affiliations

संजू कनौजिया
शोधार्थी, संस्कृत विभाग ,डाॅक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.)

सास्कृतिक, सिद्धान्त, समाज, शासक, दलित, शिक्षा।

  1. डाॅ. अम्बेडकर का विचार-दर्षन, पृृ.सं. 61,62
  2. डाॅ. अम्बेडकर सामाजिक-आर्थिक विचार दर्षन, पृृ.सं. 77
  3. डाॅ. अम्बेडकर का सामाजिक-आर्थिक दर्षन, पृृ.सं. 79
  4. अम्बेडकरदर्षनम् श्लोक 4/15, पृृ.सं. 28
  5. अम्बेडकरदर्षनम् श्लोक 5/8, 9, पृृ.सं. 36
  6. अम्बेडकरदर्षनम् श्लोक 5/29, पृृ.सं. 39
  7. अम्बेडकरदर्षनम् श्लोक 10/32, 33, 34
  8. डाॅ. अम्बेडकर सामाजिक-आर्थिक विचार दर्षन, पृृ.सं. 79

Publication Details

Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025
Date of Publication : 2025-01-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 191-196
Manuscript Number : SHISRRJ25834
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

संजू कनौजिया , "अम्बेडकरदर्शनम् महाकाव्य में सांस्कृतिक विचार ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 8, Issue 1, pp.191-196, January-February.2025
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ25834

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