Manuscript Number : SISRRJ113
संस्कृत सहित्य के प्रमुख ग्रन्थों में काशी
Authors(1) :-Urmila Devi काशाी भारतवर्ष की पवित्रतम एवं प्राचीन नगरियों में नितान्त प्रख्यात है। उसे धर्मनगरी तथा विद्यानगरी होने का गौरव प्राप्त है। यहाॅ न केवल संस्कृत वाङमय अपितु अन्य भाषाओं के वाङमय का भी सृजन होता रहा है और आबाध गति से हो भी रहा है। प्राचीन काल में काशी ने अध्यात्मविद्या की पाठशाला तथा शल्यचिकित्सा की अद्गमस्थली होने के साथ-साथ अखिल भारतीय ख्याति का भी अर्जन किया जो अपने आप में एक महनीय तथा समादरणीय घटना कही जा सकती है, यही वह नगरी है, जिसे परा-अपरा विद्याओं के ज्ञानी मनिषियों की निवास स्थली तथा ज्ञानस्थली कहलाने का भी महनीय गौरव प्राप्त है। संस्कृत वाङमय के विभिन्न विद्वानों ने इस पवित्र नगरी में निवास कर पर्याप्त साहित्य सृजन किया जो इस नगरी की विशिष्टता को प्रगट करता हुआ प्रतीत होता है। व्यास प्रभृति महर्षियों ने इस विद्यानगरी में निवास कर पुराण जैसे महनीय साहित्य की रचना कर डाली। महाकवि के रूप मंे वर्णित किया है।
Urmila Devi Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 1 | January-February 2018 Article Preview
शोधच्छात्रा, विभाग-संस्कृत, इलाहाबाद विश्वविद्यालय,इलाहाबाद।
Date of Publication : 2018-02-28
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 12-17
Manuscript Number : SISRRJ113
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SISRRJ113