Manuscript Number : SISRRJ181890
आधुनिक बिहार के आर्थिक विकास में डाॅ0 अनुग्रह नारायण सिंह का योगदान
Authors(1) :-डाॅ0 अजीत सिंह 1912 में बिहार प्रांत के गठन के साथ ही बिहार की अपनी स्वतंत्र पहचान बनी, क्योंकि इसके पूर्व यह बंगाल प्रांत का ही एक भाग था। 1936 में उड़ीसा भी बिहार से अलग हो गया, लेकिन अभी भी भारत पर ब्रिटिश शासन कायम था। इस क्रम में उत्तरदायी शासन की स्थापना हेतु 1937 में जब प्रांतीय चुनाव हुए तो बिहार में श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व में पहली कांग्रेसी सरकार बनी। बिहार के इस प्रथम मंत्रिमंडल में अनुग्रह नारायण सिंह वित्त तथा स्थानीय शासन के मंत्री बनाये गए। बिहार के वित्तमंत्री की हैसियत से उन्होंने जुलाई 1937 से अक्तूबर 1939 और पुनः 1946 से 1957 तक कार्य किया। वित्त विभाग किसी भी प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ होती है और तत्त्कालीन परिस्थितियों में उनका यह उत्तरदायित्त्व अत्यन्त चुनौतिपूर्ण था। अनुग्रह बाबू ने अपने दायित्त्वों का पूरी निष्ठा और बुद्धिमता से निर्वाह किया। बिहार के निर्माण के उस प्रारम्भिक दौर में स्वाभाविक रूप से उनके सामने गंभीर चुनौतियाँ थीं, जिनको लगातार बाढ़ और सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने और भी गंभीर बना दिया था, लेकिन अनुग्रह बाबू अनुभव के धनी होने के साथ-साथ परिश्रमी और समस्याओं से जुझने वाले नेता थे। प्रशासकीय निर्णय लेने में उन्हें व्यापक जन-सम्पर्क तथा किसानों की समस्याओं की वास्तविक जानकारी का अपेक्षित लाभ भी मिला। फलस्वरूप श्रमिकों के हितों की रक्षा तथा किसानों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार को उन्होंने सर्वोच्च प्राथमिकता दी और राज्यहित में अपने विरोधियों को भी अपने साथ रखने से गुरेज नहीं किया। गरीबी मिटाने के लिए उन्होंने लोगों को अधिक से अधिक उत्पादन करने की सलाह दी और बढ़ती जनसंख्या को गरीबी का एक प्रमुख कारण बताया। बचत के महत्त्व को स्वीकार करते हुए अनुग्रह बाबू ने कहा कि जनता की छोटी-छोटी बचतों से राष्ट्र-निर्माण के कई कार्य पूर्ण हो सकते हैं। अतः उन्होंने धन-बचत को आंदोलन के रूप में चलाने की बात लोगों को बताई।
डाॅ0 अजीत सिंह द्वैध शासन, औपनिवेशिक शासन, प्रांतीय स्वायत्तता, समाजवाद, साम्राज्यवाद, स्थायी बंदोबस्त, बकाश्त भूमि, बजट-प्राक्कलन, आंदोलन, सत्याग्रह
Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 1 | January-February 2018 Article Preview
इतिहास विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना, भारत।
Date of Publication : 2018-02-28
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Page(s) : 53-59
Manuscript Number : SISRRJ181890
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SISRRJ181890