Manuscript Number : SISRRJ1818911
पं. दीनदयाल उपाध्याय के भारतीय, संस्कृति, सभ्या और परिस्थितियों के अनुरुप आर्थिक चिंतन में राष्ट्रवाद
Authors(1) :-डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः पं. दीनदयाल उपाध्याय का चिंतन उच्च कोटि का तथा भारतीय संस्कृति, सभ्यता और परिस्थितियों के अनुरुप है। दीन दयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के नेता और भारतीय राजनीतिक एवं आर्थिक चिंतन को वैचारिक दिशा देने वाले पुरोधा थे। दीनदयाल जी समाजवाद और साम्यवाद को कागजी और अव्यावहारिक सिद्धान्त के रुप में देखते थे उनका स्पष्ट मानना था कि भारतीय प्ररिप्रेक्ष्य में ये विचार न तो भारतीयता के अनुरुप है और ना ही व्यावहारिक है। भारत को चलाने के लिए भारतीय दर्शन ही कारगर वैचारिक उपकरण हो सकता है, चाहे राजनीति का प्रश्न हो, चाहे अर्थव्यवस्था का प्रश्न सब की समाधानयुक्त विवेचना अपने वैचारिक लेखों में की है। भारतीय राजनीति कैसी हो, इसका स्वरुप क्या हो, इन सारे विषयों को पं. दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय अर्थनीति विकास की दिशा में रखा है।
डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 1 | January-February 2018 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर, स्वः लक्ष्मी कुमारी बधाला गर्ल्स पी.जी. कॉलेज गोविन्दगढ़ चौमूँ (जयपुरम्)
Date of Publication : 2018-02-28
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 145-149
Manuscript Number : SISRRJ1818911
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SISRRJ1818911