भारत में लैंगिक असमानता

Authors(1) :-डाॅ. हरिकेश मीना

महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता है, जहाँ महिलाऐं आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन सकती हैं, जहाँ वो अपने डर से लड़कर दुनिया में भयमुक्त होकर जा सकती है, जहाँ वो अपने अधिकारों को पुरूषों की जेब में से निकाल सकती है और इसके लिए उन्हें किसी से पूछने की भी आवश्यकता नहीं है, जहाँ वो अच्छी शिक्षा प्राप्त करके अच्छा भविष्य व सम्पŸाी की स्वयं मालिक बन सकती है और इन सबसे भी ऊपर उन्हें मनु के समय से लगाई गई सीमाओं से बाहर निकलकर चुनाव करने व अपने निर्णय खुद लेने की स्वतंत्रता मिलती है।

Authors and Affiliations

डाॅ. हरिकेश मीना
राजकीय कन्या महाविद्यालय, करौली, भारत।

भारत, लैंगिक, सशक्तिकरण, महिला, अधिकारः, सम्पŸाी, सांस्कृतिक, सामाजिक।

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Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 1 | January-February 2018
Date of Publication : 2018-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 213-215
Manuscript Number : SISRRJ1818923
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. हरिकेश मीना, "भारत में लैंगिक असमानता", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 1, Issue 1, pp.213-215, January-February.2018
URL : https://shisrrj.com/SISRRJ1818923

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