डॉ. अम्बेडकर का संस्कृत-प्रेम : संस्कृत में लिखित अम्बेडकर-साहित्य के विशेष सन्दर्भ में

Authors(1) :-डॉ. दिलीप कुमार

डॉ. अम्बेडकर शिक्षा को एक ऐसी कुंजी मानते थे जिससे ज्ञान का ताला खुल सकता है। उनके अनुसार सामाजिक परिवर्तन का माध्यम शिक्षा है। इस लेख में वर्णित संस्कृत में लिखित अम्बेडकर साहित्य में, उनके संस्कृत भाषा को पढ़ने की तीव्र इच्छा एवं संस्कृत के प्रति प्रेम को सम्यक् दृष्टि से दर्शाया है।

Authors and Affiliations

डॉ. दिलीप कुमार
पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो, डॉ.अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली, भारत।

डॉ. अम्बेडकर, शिक्षा, संस्कृत, भाषा, सामाजिक, राजनैतिक, चिन्तक।

  1. अम्बेडकरदर्शनम्, बलदेवसिंह मेहरा, देवेश पब्लिकेशन्स, अर्बन इस्टेट, रोहतक, 2009
  2. भीमरावाम्बेडकरशतकम्, सुगतकविरत्नम् आचार्य शान्तभिक्षुशास्त्री, राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, 2012
  3. भीमशतकम्, कविरत्नं श्रीकृष्णसेमवाल, दिल्ली संस्कृत अकादमी, नई दिल्ली, 2008
  4. भीमायनम्, प्रो. प्रभाशंकर जोशी, झेलम, पत्रकारनगरी, पुणे, 2009-10
  5. संस्कृतपुष्पमाला, नागपुर विद्यापीठ प्रकाशन, नागपुर, 1972
  6. संस्कृताभिमानी डा. अम्बेडकर:, डा. प्रफुल्ल: गडपाल:, सम्यक प्रकाशन, प्रथम संस्करण, 2013
  7. बुद्धधम्म, बुद्धिवाद व आंबेडकर, डॉ. सुरेन्द्र अज्ञात, सम्यक् प्रकाशन, नई दिल्ली, 2011
  8. बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर की संघर्ष-यात्रा एवं सन्देश, डॉ. नलिनी अनिल, डॉ. सहारे, सम्यक् प्रकाशन, नई दिल्ली, 2009

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 4 | July-August 2022
Date of Publication : 2022-07-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 103-114
Manuscript Number : SISRRJ1818928
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. दिलीप कुमार, "डॉ. अम्बेडकर का संस्कृत-प्रेम : संस्कृत में लिखित अम्बेडकर-साहित्य के विशेष सन्दर्भ में", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 4, pp.103-114, July-August.2022
URL : https://shisrrj.com/SISRRJ1818928

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