कालिदास का जीव-जन्तुगत प्रेम एवं पर्यावरण की स्वच्छता

Authors(1) :-डॉ॰ अवधेश कुमार

कालिदास ने मानव के कल्याण के लिए मानवेतर प्राणियों अर्थात विभिन्न स्थलीय जीव-जंतु एवं आकाशीय पक्षियों को संरक्षण देने हेतु हमें प्रेरित किया है। सभी जीव जंतु परस्पर एक आहार श्रृंखला से जुड़े हुए हैं। अतः इसका संरक्षण पर्यावरण स्वच्छता के लिए परम आवश्यक है। तभी पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जा सकता है।

Authors and Affiliations

डॉ॰ अवधेश कुमार
(प्रभारी प्रधानाध्यापक) + 2 उच्च विद्यालय, महसौरा लखीसराय, बिहार, भारत

जलवायु, हिंसकपशु, परिस्थितीकी, अध्यात्मिकपरम्परा, क्रोन्च, नीलगाय, चातक, मानसरोवर,हंस, नन्दिनी, प्राणवायु, कम्भोदर।

  1. ऋतुसंहारम् – 1.13
  2. कालिदास ग्रन्थावली -डॉ. ब्रह्मानन्द त्रिपाठी- पृ. – 335
  3. कुमारसंभवम् - 7.39
  4. रघुवंशम् - 1.16
  5. रघुवंशम् - 1.39
  6. रघुवंशम् - 1.80
  7. कालिदास ग्रन्थावली - डॉ॰ ब्रह्मानन्द त्रिपाठी- पृ॰ – 581
  8. कालिदास ग्रन्थावली - डॉ॰ ब्रह्मानन्द त्रिपाठी- पृ॰ – 593
  9. कालिदास ग्रन्थावली - डॉ॰ ब्रह्मानन्द त्रिपाठी- पृ॰ – 611
  10. अभिज्ञानशाकुन्तलम्- 1.9 के बाद का गद्य
  11. अभिज्ञानशाकुन्तलम् - 6.12 के बाद का गद्य
  12. अभिज्ञानशाकुन्तलम् - 6.27 के बाद का गद्य

Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 1 | January-February 2018
Date of Publication : 2018-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 80-87
Manuscript Number : SISRRJ181894
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ॰ अवधेश कुमार, "कालिदास का जीव-जन्तुगत प्रेम एवं पर्यावरण की स्वच्छता ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 1, Issue 1, pp.80-87, January-February.2018
URL : https://shisrrj.com/SISRRJ181894

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