सांख्य दर्शन का कारणता सिद्धान्त

Authors(1) :-डाॅ0 उधम मौर्य

सांख्य दर्शन अपने कारण-कार्य के समबन्ध में सत् कारण से सत् कार्य को उत्पन्न मानता है। इसके अनुसार कार्य अव्यक्त रूप से अपने कारण में सूक्ष्म रूप से विद्यमान रहता है। कारण में कार्य सूक्ष्म रूप से उपस्थ्ति होने के कारण दिखायी नहीं देता है। यह कारण-कार्य का सिद्धान्त परिणामवाद में परिणीत हो जाता है जिसका अर्थ है - एक तत्त्व का दूसरे तत्त्व में वास्तविक परिवर्तन। जो तत्त्व कारण में पहले से विद्यमान है किन्तु प्रकट नहीं हुआ है, उसका कार्य रूप में प्रकट होना परिणाम है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 उधम मौर्य
(भूतपूर्व शोधछात्र), दर्शन एवं धर्म विभाग, कला संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी, उत्तर प्रदेश,भारत।

अव्यक्त, व्यक्त, तिरोहित, आविर्भाव, असदकारणात्, उपादानग्रहणात्, सर्वसम्भवाभावात्, शक्तस्य शक्यकरणात्, कारणभावात्, परिणामवाद, तत्त्वान्तर।

  1. योग भाष्य- 4/3
  2. असदकरणादुपादानग्रहणात् सर्वसम्भवाऽभावात्। शक्तस्य शक्यकरणात् कारणवाच्च सत्कार्यम्।। सांख्यकारिका, 09
  3. तत्त्वकौमुदी- 09
  4. उपादानानि कारणानि, तेषां ग्रहणंकार्येण सम्बन्धः। तत्त्वकौमुदी- 09 सांख्यसूत्र- 1/115
    • तत्त्वकौमुदी- 09 (2) उपादान नियमात्- सांख्यसूत्र- 1/115
  5. तत्त्वकौमुदी- 09
  6. कारणभावाच्च कार्यस्य कारणत्मकत्वात्। तत्त्वकौमुदी- 09
  7. कारणाभावात् कारणस्य सत्त्वादिययं अथवा कारणस्वभावात्। यत्स्वभावं कारणं तत्स्वभावं कार्यम्।। जयमंगला- 09
  8. तथा च नात्सन्तनित्यो येन चितिशक्तिवत् कूटस्थनित्या स्यात किन्तु कथचिंनित्यः तथा च परिणामिति सिद्धम्। तत्त्ववैशारदी पृ0 300
  9. भारतीय दर्शन, देवराज- पृ0 379
  10. सर्वदर्शनसंग्रह- पृ0 527
  11. तत्त्वकौमुदी- 03
  12. भारतीय दर्शन, दत्ता एवं चटर्जी- पृ0 165-66
  13. सत्त्वरजस्तमसां साम्यावस्था प्रकृतिः। सांख्यसूत्र- 1/61 (2) तत्त्वकौमुदी- 03 (3) गरुण पुराण- 266/16

Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 1 | January-February 2018
Date of Publication : 2018-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 60-62
Manuscript Number : SISRRJ18190
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 उधम मौर्य, "सांख्य दर्शन का कारणता सिद्धान्त ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 1, Issue 1, pp.60-62, January-February.2018
URL : https://shisrrj.com/SISRRJ18190

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