Manuscript Number : SHISRRJ12033133
साहित्य एवं मनोविज्ञान का अंतर्संबंध
Authors(1) :-पुष्पा यादव साहित्य एवं मनोविज्ञान का संबंध बहुत गहरा है। ये एक दूसरे के साध्य एवं साधन बन गये हैं। साहित्य का अस्तित्व मनोविज्ञान के बिना संभव नहीं हो सकता, किन्तु मनोविज्ञान का अस्तित्व साहित्य के बिना भी हो सकता है। हिन्दी साहित्य में मनोविज्ञान दो रूपों में हमारे सामने उभरकर आता है। पहला, वे रचनाएं जिसमें प्रत्यक्ष रूप से मनोवैज्ञानिकता के तत्त्व दिखायी देते हैं। दूसरा स्वरूप उन रचनाओं का है, जिसमें मनोवैज्ञानिक तत्त्व अप्रत्यक्ष रूप से समाहित है।
पुष्पा यादव साहित्य, मनोविज्ञान, समाज, मार्मिक, अभिव्यक्ति, कलात्मक, मानवीय, सार्थकता। Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022 Article Preview
शोध छात्रा, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा,पंजाब।
Date of Publication : 2022-01-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 164-169
Manuscript Number : SHISRRJ12033133
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ12033133