भारवि और माघ: एक अध्ययन

Authors(1) :-डाॅ0 ज्योति

माघ के महाकवि होने में तनिक भी संदेह नहीं है बहुलों का अनुमान है कि माघ के साम्प्रदायिक प्रेम से उत्तेजित होकर अपने पूर्ववर्ती ‘भारवि’ से बढ़ जाने के लिए बड़ा प्रयत्न किया है। भारवि शैव थे अथवा कम से कम शिव के बड़े भक्त थे। इनका काव्य शिव के वरदान के विषय में है। माघ वैष्णव थे। इन्होंने विष्णु-विषयक महाकाव्य की रचना की हैं अतएव महाकाव्य में विष्णु के पूर्णावतार श्रीकृष्ण के द्वारा शिशुपाल के मारे जाने का विस्तृत वर्णन है। वह स्वयं अपने ग्रन्थ को ‘लक्ष्मीपतेश्चरितकीत्र्तनमात्रचारू’ कहते हैं। भारवि से बढ़ जाने के लिए माघ ने कुछ भी नहीं उठा रखा है। ‘किरातार्जुनीय’ को अपना आदर्श मानकर भी माघ ने अपने काव्य में बहुत कुछ अलौकिक चमत्कार पैदा कर दिया है। किरात के समान ही माघकाव्य भी मंगलार्थक ‘श्री’ शब्द से आरंभ होता है। किरात के आरंभ में ‘श्रियः कुरूणामधिपस्य पालिनी’ है, उसी प्रकार माघ के प्रारंभ में श्रियः पतिः श्रीमति शासितुं जगत् है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 ज्योति
एम.ए., पीएच.डी. (संस्कृत) बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (बिहार), भारत।

  1. निपातिसुहृत्स्वामिपितृव्यभ्रातृमातृलम्। पाणिनीयमिवाऽऽलोकि धीरैस्तत् समराजिरम्।।   -19/75.
  2. संशयाय दधतोः सरूपतां दूरभिन्नफलयोः क्रियां प्रति। शब्दशासनविदः समासयोर्विग्रहं व्यवससुः स्वरेण ते।। -14/24.
  3. बिमुच्यमानैरपि तस्य मन्थरं गवां हिमानीविशदैः कदम्बकैः। शरन्नदीनां पुलिनैः कुतूहलं जलददुकूलैर्जधनैरिवादधे।। -वही, 4.11.
  4. गतान्पशूनां सहजन्मबन्धुतां गृहाश्रयं प्रेम वनेषु विभ्रतः। ददर्श गोपानुपधेनु पाण्डवः कृतानुकरानिव गोभिरार्जवे।।
  5. आर्जवे विधेयत्वे गोभिः पशुभिः कृतानुकाराननुकृतानिव स्थितानित्युत्प्रेक्षा। -वही, 4.13
  6. शब्दार्थों सत्कविरिय द्वयं विद्वानपेक्षते।-2/86
  7. स्थायिनोऽर्यें प्रवर्तन्ते भावाः स´्चारिणो यथा। रसस्यैकस्य भूयांसस्तथा नेतुर्महीभृतः।।    -2/87

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020
Date of Publication : 2020-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 166-169
Manuscript Number : SHISRRJ192672
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 ज्योति, "भारवि और माघ: एक अध्ययन", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 1, pp.166-169, January-February.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192672

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