एड्स: उन्मूलन के लिए उठाए गए कदम

Authors(1) :-नव निशा

एड्स: उन्मूलन के लिए उठाए गए कदम वर्तमान समय मे एड्स जो एक बहुत ही भयानक बीमारी है, का प्रसार बहुत ही तेजी से हर जगह हो चुका है। विशेष कर विकासशील देशों मे व्यापक रूप से एड्स अपने पैर पसार चुका है। अनेक विषज्ञों के अनुसार निर्धनता को इस रोग के फैलने का मुख्य कारण देखा जा रहा है। विशेषज्ञों के द्वारा चर्चा के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया हैं की एड्स और निर्धनता मे सह संबंध पाया जाता है। साथ ही यह भी पाया गया है की एड्स का प्रभाव अत्यन्त ही घातक है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की शारीरिक क्षमता घटने लगती है और धीरे धीरे समाप्त हो जाती है। एक अध्ययन के अनुसार यह तथ्य भी सामने आया है की महिलाओं पर इसका प्रभाव और भी अधिक घातक है। प्रायः वयस्क महिलाएं ही यौन क्रिया अथवा शोषण का शिकार होती हैं और इस रोग के चपेट मे आती हैं। सबसे घातक यह है की इन महिलाओं की संताने भी एड्स से ग्रसित हो जाती है और जीवनपर्यंत एड्स के प्रभाव को झेलना इन बच्चों की लाचारी होती है। ऐसे बच्चे अनेक प्रकार की शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को झेलते हैं और अधिकांशत: उनका जीवन किसी अनाथालय मे ही व्यतीत होता है। ऐसी दशा मे कोई भी व्यक्ति अथवा परिवार इनको गोद लेने के लिए भी आगे नही आता क्यूकी ये बच्चे एड्स से पीड़ित होते हैं और इनको विशेष देखभाल की भी आवश्यकता होती है।

Authors and Affiliations

नव निशा
शोध छात्रा समाजशास्त्र विभाग, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया, भारत।

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 304-307
Manuscript Number : SHISRRJ193328
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

नव निशा, "एड्स: उन्मूलन के लिए उठाए गए कदम ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 1, pp.304-307, January-February.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ193328

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