वाल्मीकीय रामायण के सुन्दरकाण्ड में निरूपित नारी का चरित्र एवं स्वरूप

Authors(1) :-पूनम यादव

रामायण महर्षि वाल्मीकि की कृति है जो आदिकाव्य के रूप में प्रसिद्ध है। इसमें राम-कथा आधोपरांत वर्णित है। इसमें सात काण्ड हैं- बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, युद्धकाण्ड और उत्तरकाण्ड। सीता जी का दिव्य स्वभाव त्रिजटा ने ही अन्य राक्षसियों में बताया था। उनमें सीता के शरणागत का ज्ञान कराया था। इस प्रकार सुन्दर काण्ड वास्तव में सुन्दर तथा कल्याण प्रद है।

Authors and Affiliations

पूनम यादव
शोधच्छात्रा, संस्कृत विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय,प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत

चरित्र, स्वरूप, सीता, सुन्दर काण्ड, रामायण, वाल्मीकि, भाव, भाषा-शैली, परिष्कार

  1. वा0 रा0 बालकाण्ड - 2/36/7
  2. वा0 रा0 - 5/1/9
  3. वा0 रा0 - 5/1/11 और 15
  4. वा0 रा0 - 5/1/40-42
  5. वा0 रा0 - 5/1/144
  6. वा0 रा0 - 5/1/48, 49
  7. वा0 रा0 - 5/1/184-187
  8. वा0 रा0 - 5/3/23
  9. वा0 रा0 - 5/3/28. 30
  10. वा0 रा0 - 5/15/21
  11. वा0 रा0 - 5/15/27, 28
  12. वा0 रा0 - 5/16/13

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020
Date of Publication : 2020-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 55-59
Manuscript Number : SHISRRJ203311
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

पूनम यादव, "वाल्मीकीय रामायण के सुन्दरकाण्ड में निरूपित नारी का चरित्र एवं स्वरूप", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 3, pp.55-59, May-June.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203311

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