Manuscript Number : SHISRRJ203313
डिजिटलीकरण’ भारत की चुनौतियां एवं भविष्य
Authors(1) :-डाॅ0 राजन गुप्ता ग्रामीण भारत को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का स्वप्न गांधी के ‘ग्राम स्वराज’ से लेकर आधुनिक समय के स्मार्ट विलेज तक की यात्रा तय कर रहा है। लेकिन धरातल पर देखें तो स्थिति जस की तस बनी हुयी है। हालांकि यह दौर संक्रमण का है; और विगत कुछ योजनाओं में निश्चित तौर पर ग्रामीण भारत को विकास की मुख्यधारा और ग्लोबल विलेज के दायरे में खीचने का कार्य किया है। डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत में नीतिगत स्तर पर कई कदम उठाए गये हैं। इसके अन्तर्गत बैंक-खातों को आधार से जोड़ना, विभिन्न आंकड़ों का डिजिटल रूप में संग्रहण, नोटबंदी के द्वारा डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना आदि प्रयास शामिल हैं। डिजिटलीकरण के लिये नीतिगत प्रयास करना इस मुद्दे का एक पहलू मात्र है। इन नीतिगत प्रयासों की सफलता इस बात में निहित है कि दूर-दराज के गांवों में निवास करने वाली आजादी के बीच डिजिटल तकनीक की स्वीकार्यता कितनी है, क्योंकि इसके बिना डिजिटल पिरामिड के सबसे निचले स्तर पर रहने वाले ग्रामीण समुदायों का सशक्तीकरण एक कठिन चुनौती बन जायेगा।
डाॅ0 राजन गुप्ता डिजिटलीकरण, ग्लोबल विलेज, ग्राम स्वराज, सशक्तीकरण आदि। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020 Article Preview
समाजशास्त्र विभाग, मां गायत्री महाविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत
Date of Publication : 2020-01-30
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Page(s) : 99-103
Manuscript Number : SHISRRJ203313
Publisher : Shauryam Research Institute
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