महाभारत के प्रमुख ऋषि

Authors(2) :-डॉ0 जी.एल. पाटीदार, रिपन कुमार

इस लघुलेख का उद्देश्य महाभारत कालीन ऋषि परम्परा को समझना, महत्ता को प्रतिपादित करना, साधारण जनमानस के समक्ष ऋषि अधिकार कर्त्तव्यों को उद्घाटित करना, महाभारत कालीन एवं वर्तमान कालीन ऋषि परम्परा का स्थान स्थापित करना, तथा साथ ही वर्तमान सामाजिक जीवन में ऋषि परम्परा संबन्धों का स्थान निर्धारण करना ही मुख्य उद्देश्य हैं। जिससे समाज में ऋषि-महर्षियों के प्रति जानकारी प्राप्त हो सकेगी, जिसे सामान्य जन इनकी जीवनियों को सुनकर पढ़कर अपने जीवन में आत्मसात कर जीवन को गुणकारी-सरस-सुगम बना सकें। मानव के वर्त्तमान अस्तित्व को खतरें में देख कर आचरण धर्म की प्रधानता ओर अधिक बड़ जाती है, इस आचरण धर्म का पाठ आचार्य ही पढ़ा सकता है, आज राजा तो है पर ऋषि नहीं है इसी कारण राजसत्ता भी खतरें में ही दिख रहीं है। राजा के गलत निर्णयों पर बोलने वाला महर्षि आज अदृश्य है, इसीलिए राजसत्ता अहंकारयुक्त हो गयी है। सर्वत्र स्वार्थ लिप्सा के कारण संकट में लिए गए निर्णय भी दूषित हो रहें है, क्योकि निस्वार्थ निर्णय करने वाले ऋषियों का अभाव सा है। तप सत्य का ज्ञाता और निर्भीक ही ऋषि है। अनादि काल से हजारों संकटों के बाद भी मानव धर्म बच गया है, इन्हीं ऋषिओं के तप के कारण पर आज सम्पूर्ण जीव धर्म संकट में है। आओं पृथ्वी, ऋषि और सत्य को बचाने का प्रयास करते है।

Authors and Affiliations

डॉ0 जी.एल. पाटीदार
सहायक आचार्य, संस्कृत-विभाग, मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज.), भारत
रिपन कुमार
सहायक आचार्य, लालबहादुरशास्त्री राजकीय महाविद्यालय, सरस्वती नगर, शिमला (हिमाचल प्रदेश), भारत

साहित्य, वेद, संस्कृत, ऋषि, महर्षि, शिष्य, गुरु, महाभारत, जय, वेदव्यास ।

  1. महाभारत (आदिपर्व)- 63/86
  2. महाभारत (आदिपर्व)- 1/71
  3. महाभारत (आदिपर्व)- 63/86
  4. महाभारत के प्रमुख पात्र (गीता प्रेस गोरखपुर)
  5. महाभारत (आदिपर्व)- 46/11
  6. महाभारत (भीष्मपर्व)- 2/9
  7. महाभारत (आदिपर्व)- 1/मंगलाचरण
  8. महाभारत (सभापर्व)- 37/28,29
  9. महाभारत (सभापर्व)- 37/32
  10. महाभारत (सभापर्व)- 45/23,24
  11. महाभारत (सभापर्व)- 45/25
  12. महाभारत (सभापर्व)- 24/4
  13. महाभारत (सभापर्व)- 24/5
  14. महाभारत (सभापर्व)- 68/45
  15. दुतवाक्यम्- 18
  16. महाभारत (आदिपर्व)- 63/91
  17. महाभारत के प्रमुख पात्र / 7 (गीता प्रेस गोरखपुर)
  18. महाभारत के प्रमुख पात्र/7 (गीता प्रेस गोरखपुर)
  19. महाभारत (आदिपर्व)- 63/106
  20. महाभारत (आदिपर्व)- 63/107
  21. महाभारत (आदिपर्व)- 63/108
  22. महाभारत (आदिपर्व)- 131/4
  23. महाभारत (आदिपर्व)- 131/56
  24. महाभारत (आदिपर्व)- 131/57,58
  25. महाभारत (आदिपर्व)- 131/16
  26. महाभारत (आदिपर्व)- 131/17
  27. सप्त़र्षि-स्मृति-समुच्यय- प्रकाण्ड/गद्यभाग/10
  28. सप्त़र्षि-स्मृति-समुच्यय- प्रकाण्ड/गद्यभाग/10
  29. सप्त़र्षि-स्मृति-समुच्यय- प्रकाण्ड/गद्यभाग/11
  30. सप्त़र्षि-स्मृति-समुच्यय- प्रकाण्ड/गद्यभाग/12
  31. अष्टाध्यायी(पाणिनि)-6/3/109
  32. महाभारत (वनपर्व)- 25/35-40
  33. महाभारत 13-93-94
  34. हरिवंश पुराण-7/34-35
  35. देवीभागवत। 1/3/31
  36. महाभारत (शान्तिपर्व)। 140 अ.
  37. हरिवंशपुराण 7/4
  38. ब्रह्मण्डपुराण 2/9/-22
  39. रामायण (सुन्दरकाण्ड)-23/6-8
  40. रामायण (उत्तरकाण्ड)-2/4,5,6

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020
Date of Publication : 2020-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 60-74
Manuscript Number : SHISRRJ203315
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ0 जी.एल. पाटीदार, रिपन कुमार, "महाभारत के प्रमुख ऋषि", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 3, pp.60-74, May-June.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203315

Article Preview