Manuscript Number : SHISRRJ203325
मेघदूतम् का भौगोलिक दृष्टि से विवेचन तात्कालिक सम्बन्ध में
Authors(1) :-वीरेन्द्र कुमार मौर्य भौगोलिक अनिश्चयता का स्वाभाविक परिणाम ऐतिहासिक आस्पष्टता है । देश के विभिन्न भागों में स्थानों, पर्वतों आदि के समान नामों का होना। उदाहरणता कालिदास द्वारा उल्लिखित कोशल बौद्ध सूत्रों में उत्तर प्रदेश माना गया है। वह प्रयत्न भौगोलिक नामों, पर्वत, नदियों, पेड़-पौधों और अन्य सामग्री की यथासंभव पहचान के रूप में होगा।
वीरेन्द्र कुमार मौर्य भौगोलिक‚ मेघदूतम्‚ कालिदास‚ संस्कृत‚ पर्वत‚ ऐतिहासिक‚ नदी। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
शोधच्छात्र, संस्कृत, शिबली नेशनल पी० जी० कॉलेज आज़मगढ़‚ उत्तर प्रदेश‚भारत।
Date of Publication : 2020-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 98-106
Manuscript Number : SHISRRJ203325
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203325