Manuscript Number : SHISRRJ2033322
शिक्षक-प्रशिक्षण में प्रशिक्षणरत् श्रवण बाधित महिला-पुरुष प्रशिक्षुओं में नैराश्य का तुलनात्मक अध्ययन
Authors(1) :-ओम प्रकाश
अध्ययनकत्र्ता द्वारा शिक्षक-प्रशिक्षण में प्रशिक्षणरत् श्रवण बाधित महिला-पुरुष प्रशिक्षुओं में नैराश्य का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। अध्ययन के उद्देश्य में नैराश्य एवं उसकी विमा प्रतिगमन की भावना, स्थरण की भावना, समर्पण की भावना और आक्रामक प्रवृत्ति का अलग-अलग तुलना किया गया है। प्रस्तुत अध्ययन में वर्णनात्मक अनुसन्धान के अन्तर्गत सर्वेक्षण विधि से पूर्ण किया गया है। जनसंख्या के रूप में चित्रकूट जनपद के विशेष शिक्षक-प्रशिक्षण महाविद्यालयों में प्रशिक्षणरत् प्रशिक्षुओं का जनसंख्या माना गया है। प्रस्तुत समस्या के अध्ययन के लिए प्रतिदर्श (न्यादर्श) की विभिन्न विधियों में से स्तरीकृत यादृच्छिक प्रतिदर्शन विधि को आधार बनाया गया है। तत्पश्चात् शिक्षक-प्रशिक्षण महाविद्यालयों में प्रशिक्षणरत् 15 पुरुष एवं 15 महिला प्रशिक्षुओं का चयन किया गया है। डा0 एन0एस0 चैहान‘ एवं गोविन्द तिवारी द्वारा निर्मित ‘नैराश्य मापा’ का प्रयोग किया है। अध्ययन में आँकड़ों के विश्लेषण हेतु मध्यमान, मानक विचलन, मानक त्रुटि एवं क्रान्तिक-अनुपात सांख्यिकी विधियों का प्रयोग किया गया है। अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि-
1. शिक्षक-प्रशिक्षण में प्रशिक्षणरत् श्रवण बाधित महिला-पुरुष प्रशिक्षुओं में नैराश्य एवं उसकी विमा प्रतिगमन एवं स्थरण की भावना में अन्तर नहीं है।
2. शिक्षक-प्रशिक्षण में प्रशिक्षणरत् श्रवण बाधित महिला-पुरुष प्रशिक्षुओं में नैराश्य की विमा समर्पण की भावना में .05 सार्थकता स्तर पर अन्तर पाया गया अर्थात् महिला प्रशिक्षुओ ंमें समर्पण की भावना पुरुष प्रशिक्षुओं की अपेक्षा अधिक है।
3. शिक्षक-प्रशिक्षण में प्रशिक्षणरत् श्रवण बाधित महिला-पुरुष प्रशिक्षुओं में नैराश्य की विमा आक्रामक प्रवृत्ति में अन्तर है अर्थात् पुरुष प्रशिक्षुओं में आक्रामक प्रवृत्ति महिला प्रशिक्षुओं की अपेक्षा अधिक है।
ओम प्रकाश
शिक्षक-प्रशिक्षण, महिला-पुरुष प्रशिक्षु, नैराश्य एवं उसकी विमा प्रतिगमन की भावना, स्थरण की भावना, समर्पण की भावना और आक्रामक प्रवृत्ति, तुलना।
Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
असिस्टेण्ट प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, डिर्पाटमेण्ट आॅफ स्पेशल एजुकेशन (एच.आई.) जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट (उ0प्र0), भारत।
Date of Publication : 2020-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 208-219
Manuscript Number : SHISRRJ2033322
Publisher : Shauryam Research Institute
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