वाल्मीकि रामायण में उपलब्ध संगीत सन्दर्भ

Authors(1) :-संगीता जायसवाल

महर्षि वाल्मीकि संगीतशास्त्र के भी विद्वान् थे। उन्हें संगीत के सूक्ष्म तत्त्वों का ज्ञान था, जिसे वे अपने काव्य रामायण में यथास्थान अत्यन्त मनोहर एवं हृदयावर्जक रूप में चित्रित किया है।

Authors and Affiliations

संगीता जायसवाल
शोध छात्रा, संस्कृत विभाग, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।

महर्षि वाल्मीकि, संगीतशास्त्र, रामायण,साहित्य, अमूल्य, आदिकाव्य, हिन्दू,धर्म,संस्कृत।

  1. द्रष्टव्य वा0रामा0 - 2/44/44/-5।
  2. द्रष्टव्य वा0रामा0-6/24/42-43।
  3. द्रष्टव्य वा0रामा0- 2/1/7/अयो0।
  4. वा0 रा0 1/4/17
  5. देखिये नाटयशास्त्र अध्याय चतुर्थ।
    1. अपूर्वां पाठयजातिं च गेयेन समलड्ंकृताम्। प्रमाणैर्बहुभिर्बद्धां तन्त्रीलयसमन्विताम्। 7/1412-3!! (ख) आयुष्यपुष्टि जननं सर्वश्रुति मनोहरम्। 1/412-7-8, हलादयत्सर्वगात्राणि मनांसि हृदयानि च। 1/4/33
  6. जगुश्रच ने यथाशास्त्रं तत्र समानि सामगाः।-वा0रामा02/76/18
  7. वा0रामा0-ऋष्यश्रृंगादयों मन्त्रैंः शिक्षाक्षरसमन्वितैः। गीतिभिर्मधुरैः स्निग्धैर्मन्त्राहवानैर्यथार्हतः।।-1/14/8-9।।
  8. वा0रामा0 - तुष्टाव वृषभध्वजम्। सामभिर्विविधैः स्तोत्रैः प्रणम्य स दशाननः।। 7/16/33
  9. ततः सतामार्ति हरं परं वरं वरप्रदं चन्द्रामयूखभूषणम्। समर्चयित्वा स निशाचरो जगौ प्रसार्य हस्तान्प्रणनर्त चाग्रतः।। - वा0 रामा0 7/31/44
  10. द्रष्टव्य वा0रामा0 - 2/20/10, 4/5/17/, 2/69/4

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 4 | July-August 2020
Date of Publication : 2020-07-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 57-61
Manuscript Number : SHISRRJ203356
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

संगीता जायसवाल, "वाल्मीकि रामायण में उपलब्ध संगीत सन्दर्भ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 4, pp.57-61, July-August.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203356

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