Manuscript Number : SHISRRJ203510
षट्कर्म के आलोक में धौतिकर्म की विधि एवं उसका लाभ
Authors(1) :-मनमोहन कुमार
धौतिकर्म में चार अंगुल चैड़े और पन्द्रह हाथ लम्बे महीन वस्त्र को जल में भिंगोकर थोड़ा निचोड़ने के बाद गुरुपदिष्ट मार्ग से धीरे-धीरे निगलने का अभ्यास करना चाहिए। निगलने से पहले पूरा जल पी लेना आवश्यक है। इससे कपड़े निगलने में सुविधा तथा कफ-पित्त का उसमें सटकर बाहर निकलना आसान हो जाता है जिससे मन शान्त और प्रसन्न रहता है।
मनमोहन कुमार
Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 4 | July-August 2019 Article Preview
शोध छात्र, विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग, बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (बिहार)
Date of Publication : 2020-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 50-62
Manuscript Number : SHISRRJ203510
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203510