Manuscript Number : SHISRRJ203511
महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषणः एक अध्ययन
Authors(1) :-डॉ. रीता कुमारी कुपोषण चाहे किसी भी प्रकार का हो तथा किसी के लिए भी हो, हर परिस्थिति में हानिप्रद ही रहता है। परन्तु यदि महिलाएं कुपोषित हों तो इसका दुष्प्रभाव पूरे घर-परिवार को ही भुगतना पड़ता है। कुपोषण का सीधा-सा अर्थ है- ‘‘समुचित पोषण का अभाव। पर्याप्त पोषण प्राप्त करने के लिए समुचित एवं सही ढंग से संतुलित आहार लेना अत्यावश्यक है। दूसरी ओर यदि कोई अनुचित आहार लेता है तो प्रायः ऐसा भी देखा जाता है कि उसके शरीर में किसी न किसी तत्व कीं कमी हो जाती है जिसका दुष्प्रभाव पूरे मनोदैहिक प्रणाली पर भी पड़ता है। इस प्रक्रिया के दौरान कुछेक विशेष प्रकार के पदार्थों की कमी होती है जो कि एक तरह से रोगों के लक्षणों के रूप में पहचानी जाती है और अंततः हमारा शरीर रोगग्रस्त या अस्वस्थ हो जाता है।
डॉ. रीता कुमारी Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 4 | July-August 2019 Article Preview
एम.ए., पीएच.डी. (गृह विज्ञान) बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (बिहार),भारत।
Date of Publication : 2019-07-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 63-66
Manuscript Number : SHISRRJ203511
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203511