मोनपा जनजाति में प्रचलित लोकविश्वास (शव काटनेवाला आदमी उपन्यास के विशेष संदर्भ में)

Authors(1) :-दिगंत बोरा

सभी समाज में धर्म, जीव, जन्म, मृत्यु आदि से संबंधित लोक-विश्वास युगों-युगों से चली आ रही हैं । लोकविश्वास लोक-संस्कृति का ही एक अंग है । जन जीवन में बहुत से ऐसे विश्वास जड़े जमाए हुए हैं, जिनके फल-फूल-पत्र के रूप में बहुत सी प्रथा-परंपराएँ विकसित होती हैं । मोनपा जनजाति अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख जनजातियों में से एक है । मोनपा जनजाति के लोग अपनी सामाजिक परंपरा का पालन करनेवाले विनम्र किंतु अपने धर्म पर दृढ़ आस्था रखने वाले लोग है । अरुणाचल प्रदेश की मोनपा जनजाति के लोग सबसे अधिक धर्म पर आस्था रखते हैं । किसी बच्चें के जन्म पर लामा को जन्म कुंडली दिखाकर ही उसका नामकरण करते है । मोनपा जनजाति में कुंडली का पाठ केवल नामकरण में ही नहीं किया जाता है, किसी के सत्कार के लिए भी जन्म कुंडली देखा जाता है । मोनपा समाज के लोग व्यक्ति के पूनर्जन्म पर विश्वास रखते है । उन लोगों क विश्वास है कि व्यक्ति का पृथ्वी पर जन्म लेना पूर्वजन्म का फल है । उसी पूण्य पर आस्था रखते हुए दारगे नरबू आजीवन शव का सत्कार करते रहते है । इसके अतिरिक्त वे लोग भूत-प्रेत, आत्मा-प्रेतात्मा आदि पर भी विश्वास रखते है । ज्यादातर लोकविश्वास जन्म, मृत्यु, कर्मफल, मुक्ति आदि से ही संबंधित है ।

Authors and Affiliations

दिगंत बोरा
सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग, जे.डी.एच.जी. महाविद्यालय, बोकाखाट, असम, भारत।

पूर्वजन्म, भाग्यवाद, लोक-संस्कृति, लोक-विश्वास, मोनपा जनजाति, बौद्ध धर्म आदि

  1. शव काटनेवाला आदमी, येसे दोरजे थोंगछी,, पृष्ठ – 29
  2. वही, पृष्ठ – 46
  3. वही, पृष्ठ – 224
  4. वही, पृष्ठ – 111
  5. वही, पृष्ठ – 156
  6. वही, पृष्ठ – 138
  7. वही, पृष्ठ – 264-265
  8. वही, पृष्ठ – 266
  9. वही, पृष्ठ – 106

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 44-47
Manuscript Number : SHISRRJ20358
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

दिगंत बोरा, "मोनपा जनजाति में प्रचलित लोकविश्वास (शव काटनेवाला आदमी उपन्यास के विशेष संदर्भ में) ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 5, pp.44-47, September-October.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20358

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