Manuscript Number : SHISRRJ203620
किरातार्जुनीयम् महाकाव्य में आलंकारिक निरूपण
Authors(1) :-हसन खाँ भारवि ने उन्मुक्त रूप में अलंकारों का प्रयोग किया है किन्तु अलंकार के समुचित प्रयोग तथा आकर्षक संयोजन में कवि पूर्ण सफल है। काव्यरचना में अलंकृत काव्यशैली रूप इस नवीन रीति के भारवि स्वयं जनक हैं। इस तरह कवि की अलंकार प्रियता पर भी प्रकाश पड़ता है । इस अलंकृत शैली के विनियोग से निश्चित रूप से काव्य का बाह्य स्वरूप बहुत ही सुसज्जित तथा चिकर्षक हुआ है। काव्य का शरीर तो अवश्य ही अत्यन्त अलंकृत है।
हसन खाँ काव्यशैली, अलंकार, किरातार्जुनीयम्, भारवि, संस्कृत, साहित्य, काव्य, रीति, शरीर। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020 Article Preview
शोधच्छात्र, संस्कृत विभाग, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-11-30
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Page(s) : 01-06
Manuscript Number : SHISRRJ203620
Publisher : Shauryam Research Institute
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