Manuscript Number : SHISRRJ203622
उत्तरसीताचरितम् महाकाव्य में वर्णित भारतीय संस्कृति
Authors(1) :-अनामिका देवी उत्तरसीताचरितम् महाकाव्य में प्रयुक्त सभी पात्रों के क्रिया कलाप भारतीय संस्कृति के आधार है। यह भारतीयों के जीवन और संस्कृति के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते है। संस्कृति व्यक्तिगत सम्पत्ति न होकर समाज या राष्ट्र की निधि है। विश्व का हित, विश्व की उन्नति का मूल संस्कृति है जिससे सभी प्रकार से राष्ट्र और विश्व की समुन्नति आश्रित है। भारतीय संस्कृति का वैशिष्ट्य, धर्मप्राधान्य आध्यात्मिकी और पारलौकिक भावना सदाचार पालन, वर्णव्यवस्था और आश्रम व्यवस्था कर्मवाद व पुनर्जन्मवाद, मोक्ष, श्रुतिप्रमाण, यज्ञ महत्व, सत्यपरिपालन, अहिंसापालन, त्याग, तपोमयजीवन और मातृपितृ गुरूभक्ति आदि में राष्ट्र और विश्व की समुन्नति निहित है।
अनामिका देवी उत्तरसीताचरितम्, महाकाव्य, भारतीय, संस्कृति, भारतीय, विश्व। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020 Article Preview
शोधच्छात्रा संस्कृत, शा0के0आर0जी0पी0जी0, महाविद्यालय, ग्वालियर (म0प्र0) भारत।
Date of Publication : 2020-11-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 12-16
Manuscript Number : SHISRRJ203622
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203622