उत्तरसीताचरितम् महाकाव्य में वर्णित भारतीय संस्कृति

Authors(1) :-अनामिका देवी

उत्तरसीताचरितम् महाकाव्य में प्रयुक्त सभी पात्रों के क्रिया कलाप भारतीय संस्कृति के आधार है। यह भारतीयों के जीवन और संस्कृति के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते है। संस्कृति व्यक्तिगत सम्पत्ति न होकर समाज या राष्ट्र की निधि है। विश्व का हित, विश्व की उन्नति का मूल संस्कृति है जिससे सभी प्रकार से राष्ट्र और विश्व की समुन्नति आश्रित है। भारतीय संस्कृति का वैशिष्ट्य, धर्मप्राधान्य आध्यात्मिकी और पारलौकिक भावना सदाचार पालन, वर्णव्यवस्था और आश्रम व्यवस्था कर्मवाद व पुनर्जन्मवाद, मोक्ष, श्रुतिप्रमाण, यज्ञ महत्व, सत्यपरिपालन, अहिंसापालन, त्याग, तपोमयजीवन और मातृपितृ गुरूभक्ति आदि में राष्ट्र और विश्व की समुन्नति निहित है।

Authors and Affiliations

अनामिका देवी
शोधच्छात्रा संस्कृत, शा0के0आर0जी0पी0जी0, महाविद्यालय, ग्वालियर (म0प्र0) भारत।

उत्तरसीताचरितम्, महाकाव्य, भारतीय, संस्कृति, भारतीय, विश्व।

  1. अमरकाव्यम्-रणछोड़ भट्ट संर्ग-10ः40-44
  2. महाभारतः सभापर्व
  3. चित्रकूटचरितम्-गिरधारीलाल शास्त्री
  4. एकलिंग माहात्म्य
  5. वीरविनोद भाग-1, पृष्ठ 378-380
  6. अमरकाव्यम्, सर्ग 4ः23
  7. वहीं, सर्ग 4ः74
  8. वहीं, सर्ग 7ः52
  9. वहीं, 7ः77-78
  10. वीरविनोद भाग-1,कुम्भलमेरू के मामादेव के मन्दिर की प्रशस्ति श्लोक-223
  11. राजप्रशस्ति, सर्ग 4ः10
  12. वीरविनोद भाग-1, एकलिंग जी में दक्षिणाद्वार के सामने की प्रशस्ति श्लोक-51
  13. वहीं, कुम्भलमेरू के मामादेव के मन्दिर की प्रशस्ति श्लोक-257
  14. वीरविनोद भाग-2, जावर की प्रशस्ति
  15. वीरविनोद भाग-1, एकलिंग जी मंे दक्षिणाद्वार के सामने की प्रशस्ति, श्लोक-74,75
  16. राजप्रशस्ति, सर्ग 4ः18,19
  17. वहीं, सर्ग 8ः47-49
  18. वहीं, सर्ग 8ः41, 42
  19. राजप्रशस्ति, प्रत्येक सर्ग का अन्तिम श्लोक
  20. वहीं, सर्ग 8ः53
  21. वहीं, भूमिका-पृष्ठ 35
  22. वहीं, सर्ग 18ः16
  23. वहीं, सर्ग 24ः11,12
  24. वीर विनोद भाग-2, त्रिमुखी बावड़ी की प्रशस्ति-श्लोक-58,60
  25. जयसिंह प्रशस्ति
  26. वीर विनोद भाग-2, बड़ी पाल के पीछे दक्षिणामूर्ति मंे महादेव के मन्दिर की प्रशस्ति, श्लोक-8
  27. वीर विनोद भाग-2, सीसारमा गांव के वैद्यनाथ मंदिर की प्रशस्ति का चैथा प्रकरण, श्लोक-29
  28. वीर विनोद भाग-2, हरबेनजी के खुरे पर शिवालय की प्रशस्ति, श्लोक-25
  29. वहीं, गोवर्धन विलास में मानजी, धायभाई के कुंड की प्रशस्ति, श्लोक-10
  30. वहीं, दिल्ली दरवाजे के पास बाईजीराज के कुंड के दरवाजे के सामने पंचोलियांे के मन्दिर की प्रशस्ति, श्लोक-28
  31. वहीं, प्रभु बारातण की बाड़ी के मन्दिर की प्रशस्ति, श्लोक-11
  32. वहीं, मेवाड़ के सालेड़ा ग्राम में पूर्व दिशा वाली बावड़ी पर महादेव मन्दिर की प्रशस्ति
  33. वहीं, उदयपुर के रामप्यारी की बाड़ी के मन्दिर की प्रशस्ति, श्लोक-13

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020
Date of Publication : 2020-11-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 12-16
Manuscript Number : SHISRRJ203622
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

अनामिका देवी, "उत्तरसीताचरितम् महाकाव्य में वर्णित भारतीय संस्कृति", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 6, pp.12-16, November-December.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203622

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