Manuscript Number : SHISRRJ203629
पंचतंत्र कथा साहित्य में नैतिक मूल्य
Authors(2) :-सिद्धार्थ सिंह कौरव, प्रो. (डा.) मनीष खैमरिया
‘‘सर्वोत प्रतिभा के धनी’’ पं. विष्णु शर्मा का ग्रन्थ ‘‘पंचतंत्र’’ भारतीय इतिहास का एक ऐसा अनुपम, मनोरंजक, नीतिशास्त्र का ज्ञान प्रदान करने वाला ग्रन्थ है, जिसके अध्ययन मात्र से अल्पकाल में ही नीतिशास्त्र के सामाजिक, नैतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान को अल्पबुद्धि प्राणी भी ग्रहण कर सकने में समर्थ हैं। इस ग्रन्थ का सुरूचिपूर्ण सरल भाव एवं भाषा का गुंजन मन-मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ने का कार्य करता है। इसमें वर्णित कथाओं में निहित आदेश व नीतिपूर्ण वाक्यों को कोई भी व्यक्ति स्वयं में आत्मसात कर बड़ी से बड़ी समस्याओं के समाधान निकालने में सक्षम हो सकता है।
सिद्धार्थ सिंह कौरव पंचतंत्र, कथा साहित्य, नैतिक मूल्य, पं. विष्णु शर्मा Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020 Article Preview
शोध छात्र (संस्कृत विभाग) , जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर (म.प्र.), भारत।
प्रो. (डा.) मनीष खैमरिया
विभागाध्यक्ष संस्कृत, महारानी लक्ष्मीबाई शास. उत्कृष्ट, महाविद्यालय ग्वालियर (म.प्र.) , भारत।
Date of Publication : 2020-11-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 65-67
Manuscript Number : SHISRRJ203629
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203629