पातंजल योगदर्शन में प्राणायाम का स्वरूप

Authors(1) :-डॉ० उमाकान्त यादव

प्राणायाम मनोविरोध का अमोघ अस्त्र है जिसके माध्यम से हम मन को नियंत्रित करके अपनी प्राणशक्ति का विकास करने में समर्थ होते हैं। यहाँ ध्यातव्य है कि प्राण और मन का घनिष्ठ सम्बन्ध है। दोनों में से एक को भी नियंत्रित कर लिया जाय तो दूसरा स्वयं नियंत्रित हो जाता है। मन के नियंत्रित होने पर ही साधक धारणा, ध्यान एवं समाधि की ओर अग्रसर होता है। प्राणायाम से मस्तिष्क की सूक्ष्म और सुप्त शक्तियाँ जागृत होती हैं जिसके फलस्वरूप मानस रोग यथा तनाव आदि नष्ट होते हैं। वर्तमान काल में प्राणायाम चिकित्सा के माध्यम से असाध्य रोगों का निवारण भी हो रहा है। वस्तुतः प्राणायाम से नाड़ी संस्थान, पाचन संस्थान, श्वसन संस्थान और रक्त संचार सभी सक्रिय हो जाते हैं जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ जाती है। अतः प्राणायाम का अभ्यास करें और अपनी सामथ्र्य बढ़ायें तथा रोग-मुक्त होकर जीवन का आनन्द लें।

Authors and Affiliations

डॉ० उमाकान्त यादव
प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।

प्राणायाम, योगदर्शन, पातंजल, मनोविरोध, जीवन-आनन्द, मन,मानव-शरीर।

  1. यो0सू0 2.49
  2. योग सू0 2.49 पर व्यास भाष्य
  3. योग सू0 2.49 पर व्यास भाष्य
  4. यो0सू0 2.50 बाह्याभ्यन्तरस्तम्भवृत्तिर्देशकालसंख्याभिः परिदृष्टो दीर्घसूक्ष्मः।
  5. वही व्यास-भाष्य
  6. वही व्यास-भाष्य
  7. वही व्यास-भाष्य
  8. निमेषक्रियावच्छिन्नस्य कालस्य चतुर्थो भागः क्षणः। तत्त्ववैशारदी पृ0 271
  9. यत्र च मात्रासंख्याभिः प्राणायामनियमः क्रियते स संख्यापरिदृष्टः। योगवार्तिक पृ0 253
  10. संख्याभिः परिदृष्टाः- एतवद्भि श्वासप्रश्वासैः प्रथम उद्घातस्तद्वन्निगृहीतस्यैतावद्भिद्र्वितीय उद्घात एवं तृतीयः एवं मृदुरेवं मध्य एवं तीव्र इति संख्यापरिदृष्टः। यो0सू0 2.50 पर व्यास भाष्य
  11. राजमार्तण्डवृत्ति पृ0 53
  12. यो0सू0 2.50
  13. योगवार्तिक, पृ0 272
  14. ब्राह्याभ्यन्तरविषयाक्षपी चतुर्थः। योगसूत्र51
  15. हठप्रदीपिका44
  16. घेरण्ड संहिता46
  17. तपो न परं प्राणायामात्ततो विशुद्धिर्मलानां दीप्तिश्च ज्ञानस्येति। यो0सू0 2.52 पर व्यास भाष्य।
  18. यो0सू0 2.52
  19. यो0सू0 2.53
  20. त0वै0 पृ0 276
  21. हठ0प्रदी0 2.2
  22. मनुस्मृति71

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 159-163
Manuscript Number : SHISRRJ20377
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ० उमाकान्त यादव, "पातंजल योगदर्शन में प्राणायाम का स्वरूप", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 5, pp.159-163, September-October.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20377

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