आर्ष महाकाव्यों में तीर्थ स्थल

Authors(2) :-डॉ0 जी.एल. पाटीदार, नीतू शर्मा

रामायण और महाभारत को आर्ष महाकाव्य कहा जाता है। रामायण और महाभारत प्रादुर्भाव काल से भारतीय सनातन धर्म, संस्कार, संस्कृति और सभ्यता के आदर्श ग्रंथ रहे हैं। सनातन भारतीय संस्कृति में तीर्थों का अपना विशिष्ट महत्व है। वैदिक काल से लेकर अत्यावधि तक तीर्थों को आधार बनाकर कई रचनाओं का सृजन हुआ है। तथा रचनाधर्म में वर्णनाधिक्य भी देखा गया है, जो हमारी सनातन संस्कृति के संवर्धक एवं पोषण का कार्य कर रहा है। तीर्थों की उत्कृष्टता का अद्भुत दर्शन हमें आर्ष काव्यों में भी दिखाई देता है। भारतीय सनातन संस्कृति में तीर्थ धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व वाले स्थानों को कहा जाता है। हमारी सनातन संस्कृति में तीर्थ स्थान पवित्रता और पावनत्व के सूचक है, तथा परमतत्त्व कैवल्य के मार्ग। मानव जीवन की यात्रा का परम ध्येय मोक्षत्त्व प्राप्त करना ही है, और उसके साधन यही पवित्र धाम रहें है। मनुष्य ने जब भी देवत्व का रूप धारण किया, और वह जिन स्थानों-स्थलों पर निवास भ्रमण किया वे पवित्र तीर्थ हो गएँ। इस आलेख में आर्ष काव्यों में तीर्थ स्थलों का महत्त्व नाम सहित प्रतिपादित किया जा रहा है, तथा मानव जीवन में इनकी महत्ता भी ।

Authors and Affiliations

डॉ0 जी.एल. पाटीदार
असिस्टेंट प्रोफेसर, संस्कृत विभाग मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज०), भारत।
नीतू शर्मा
शोधकर्त्री, संस्कृत विभाग, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राज०), भारत।

आर्ष, तीर्थ, काव्य, महाकाव्य, रामायण, महाभारत, वाल्मीकि, वेदव्यास, यात्रा, पुष्कर, ऋषि, श्रीराम, आदि।

  1. मनुस्मृति-12.106
  2. संस्कृत हिन्दी शब्द कोश
  3. अमरकोश-3.1.80.2.2
  4. महाभारत, 132.17.405
  5. भट्टोजी दीक्षित, उणादि, 2/7
  6. अमरकोश- नानार्थवर्ग, 3.3.86.2.1
  7. भट्टोजी दीक्षित, उणादि, 2/7
  8. मनुस्मृति-3.130
  9. वाल्मीकि रामायण,युद्धकाण्ड,128.107
  10. वाल्मीकि रामायण,युद्धकाण्ड,128.112
  11. रामायण, बालकाण्ड, 2.15
  12. ध्वन्यालोक-1.5
  13. महाभारत (आदिपर्व)-62/53
  14. महाभारत (आदिपर्व)-1/264, 65, 66
  15. महाभारत (आदिपर्व)-1/264, 65, 66
  16. महाभारत/ आदि पर्व/ अनु./102-103
  17. महाभारत/ आदि पर्व/ अनु./105-106
  18. महाभारत/ आदि पर्व/ अनु./107
  19. वाल्मीकि रामायण, बालकाण्ड, 2.20
  20. वाल्मीकि रामायण, 1.61.3
  21. वाल्मीकि रामायण, 2.46.1
  22. वाल्मीकि रामायण, 2.46.2
  23. वा. रामायण /2/68-70 वें सर्ग
  24. वाल्मीकि रामायण, 2.91.24
  25. वाल्मीकि रामायण, 2.91.30
  26. वाल्मीकि रामायण, 2.91.50-51
  27. वाल्मीकि रामायण/ 93/ 2
  28. वाल्मीकि रामायण, 194/ 8-10
  29. वाल्मीकि रामायण, 3/ 35/ 12
  30. महाभारत/आदिपर्व/ पर्वसंग्रह/40-41/1
  31. महाभारत/आदिपर्व/ पर्वसंग्रह/40-41/1
  32. वहीं / अशावतरण पर्व /62 वां अध्याय
  33. महाभारत/आदिपर्व/ पर्वसंग्रह / 52
  34. महाभारत/आदिपर्व/ पर्वसंग्रह / 67
  35. महाभारत/आदिपर्व/ पर्वसंग्रह /72
  36. महाभारत / वनपर्व/ तीर्थयात्रा/ 82/2
  37. महाभारत / वनपर्व/ तीर्थयात्रा/ 38
  38. महाभारत/आदिपर्व/ तीर्थयात्रा/88 वां अध्याय

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021
Date of Publication : 2021-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-12
Manuscript Number : SHISRRJ21411
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ0 जी.एल. पाटीदार, नीतू शर्मा , "आर्ष महाकाव्यों में तीर्थ स्थल", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 1, pp.01-12, January-February.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21411

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