व्यवसाय चिन्तन की ज्योतिषीय अवधारणा

Authors(2) :-प्रभाकर शर्मा, डाॅ. मनीष खैमरिया

चन्द्र हो तो शंख, मोती, प्रवाल आदि पदार्थो के व्यापार से, मिट्टी के खिलौने सीमेण्ट चूना बालू ईट आदि के व्यापार से, खेती शराब की दुकान, तेल की दुकान एवं वस्त्र की दुकान से जीविका करता है। मंगल हो तो मेनसिल, हरताल, सुरभाप्रभृति पदार्थो के व्यापार से बन्दूक, तोप, तलवार के व्यापार से या सैनिक वृŸिा से, सुनार लुहार, बढ़ई खटीक आदि के पेशे द्वारा एवं बिजली के कारखाने में नौकरी करके अथवा मशीनरी के कार्य द्वारा जातक आजीविका उत्पन्न करता है।

Authors and Affiliations

प्रभाकर शर्मा
शोध छात्र, संस्कृत, एम.एल.बी. काॅलेज, ग्वालियर, मध्यप्रदेष, भारत
डाॅ. मनीष खैमरिया
मार्गदर्षक, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष संस्कृत, एम.एल.बी. काॅलेज, ग्वालियर, मध्यप्रदेष, भारत

व्यवसाय, चिन्तन, ज्योतिष, ग्रह।

  1. ज्योतिष चन्द्रिका
  2. भारतीय ज्योतिष- आचार्य नेमिचन्द्र शास्त्री
  3. ज्योतिष रत्नाकर
  4. फल-दीपिका
  5. ज्योतिष एवं व्यवसाय- भोजराज द्विवेदी

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021
Date of Publication : 2021-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 79-84
Manuscript Number : SHISRRJ21419
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

प्रभाकर शर्मा, डाॅ. मनीष खैमरिया, "व्यवसाय चिन्तन की ज्योतिषीय अवधारणा", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 1, pp.79-84, January-February.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21419

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