Manuscript Number : SHISRRJ214211
दोयम से पहले दर्जे की यात्रा
Authors(1) :-डॉ. उमा मीणा
आत्मकथाओं में हम देखते हैं कि ये वे स्त्रियाँ हैं जिन्होंने शिक्षा,राजनीति साहित्य और व्यावसायिक क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है । इन्होने यह सिद्ध करके दिखाया है कि दोहरी जिम्मेदारियां निभाते हुए भी ये किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं । समाज के विकास में उनकी भूमिका पुरुष से किसी भी प्रकार कम नहीं है ।लेकिन स्त्री को समाज में पुरुष के बराबर का दर्जा तभी मिल सकता है जबकि स्त्री को दोयम दर्जे का समझने की मानसिकता से पुरुष समाज मुक्त नहीं हो जाता ।
डॉ. उमा मीणा
आत्मकथा‚ दोयमशिक्षा‚ राजनीति‚ साहित्य‚ यात्रा‚ दर्जे। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021 Article Preview
सहायक प्राध्यापक‚ मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय‚ भारत।
Date of Publication : 2021-03-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 40-44
Manuscript Number : SHISRRJ214211
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214211