श्रीमद्भगवद्गीता का योग आधारित साधना पक्ष

Authors(1) :-डाॅ. माधवी चन्द्रा

श्रीमद्भगवद्गीता में श्रीकृष्ण ने परम कल्याण की प्राप्ति हेतु मनुष्यों के लिये कर्मयोग, भक्तियोग एवं ज्ञानयोग के रूप में तीन प्रकार के साधनों का अनुष्ठान करने की विधि बतायी है। श्रीमद्भगवतगीता के प्रथम छः अध्याय में कर्म अगले छः में भक्ति तथा अंतिम छः में ज्ञानयोग की चर्चा की गई है। ज्ञानयोग एवं भक्तियोग की प्राप्ति कर्मयोग के आधार पर ही है। अतः कर्म की अवहेलना कर भक्ति और ज्ञान के क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया जा सकता है। आध्यात्मिक साधनाओं का एकमेव लक्ष्य है ‘‘मोक्ष की प्राप्ति’’ करना।

Authors and Affiliations

डाॅ. माधवी चन्द्रा
योग विभाग, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत।

श्रीमद्भगवद्गीता एवं साधना पक्ष।

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Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021
Date of Publication : 2021-03-03
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-06
Manuscript Number : SHISRRJ21424
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. माधवी चन्द्रा, "श्रीमद्भगवद्गीता का योग आधारित साधना पक्ष", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 2, pp.01-06, March-April.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21424

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