श्रीभागवतमहापुराण के कपिलोपाख्यान में वर्णित सांख्यदर्शन

Authors(1) :-दीपक तिवारी

सांख्य दर्शन में सृष्टि के सकल तत्त्वों का उपदेश किया गया है। सद्गुरु के उपदेश से प्रबोध प्राप्त करके मनुष्य समत्व में स्थित होकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता था। श्रीमöागवतमहापुराण के अन्तर्गत कपिलोपाख्यान मेें मूल तत्त्वांे का ज्ञान अत्यन्त सरल, सहज एवं प्रांजल शैली में किया गया है। सांख्य दर्शन के 25 तत्त्वों का वर्णन यथावत् श्रीमöागवतमहापुराण में प्राप्त होता है।

Authors and Affiliations

दीपक तिवारी
शोधच्छात्र, संस्कृत विभाग, संाची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय बारला, रायसेन, (मध्य प्रदेश)

सांख्य दर्शन - 25 तत्त्व ।

  1. श्रीमöागवतमहापुराण, गीताप्रेस, गोरखपुर, सं. 2072
  2. महाभारत, गीताप्रेस, गोरखपुर, सं. 2073
  3. संाख्यसूत्रम्, भट्टाचार्य, रामशंकर, भारतीय विद्या प्रकाशन, दिल्ली, 1977
  4. सांख्यकारिका, (व्याख्याकार) गौढ., ज्वालाप्रसाद, चैखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, 2013
  5. संस्कृत-हिन्दी-कोश, नाग पब्लिशर्स, दिल्ली, 2012

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021
Date of Publication : 2021-06-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 77-83
Manuscript Number : SHISRRJ214315
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

दीपक तिवारी, "श्रीभागवतमहापुराण के कपिलोपाख्यान में वर्णित सांख्यदर्शन ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 3, pp.77-83, May-June.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214315

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