महिलाओ के लज्जा भंग को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता, 1860 के अन्तर्गत किए गए प्रावधानो का विधिक अध्ययन

Authors(2) :-डाँ स्नप्निल त्रिपाठी, श्रीप्रकाश यादव

इस शोध पत्र के माध्यम से भारतीय दंड संहिता,1860 के अन्तर्गत महिलाओ के लज्जा भंग को रोकने के लिए किए गए विधिक प्रावधानो का अध्ययन करना है। इसके अतिरिक्त लज्जा भंग को रोकने के लिए जो न्यायिक निर्णय आये उनका भी अध्ययन करना है। लज्जा भंग को रोकने के लिए अपने सुझाव देना है।

Authors and Affiliations

डाँ स्नप्निल त्रिपाठी
सहायक आचार्य, विधि संकाय, नेहरु ग्राम भारती (मानित विश्वविद्यालय), प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।,भारत
श्रीप्रकाश यादव
शोध छात्र, नेहरु ग्राम भारती (मानित विश्वविद्यालय), प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।,भारत

स्त्री,घर,छेड़छाड़,कार्यस्थल,सार्वजनिक स्थल, लज्जा भंग,लैंगिक टिप्पणी, विवस्त्र दृश्यरतिकता,पीछा करना।

  1. मनुस्मृति 51 56
  2. शार्टर आक्सफोर्ड डिक्शनरी(तीसरा संस्करण)
  3. 1953 राज.एल.डब्ल्यू 343
  4. 1996 क्रिमनल लाँ जर्नल 960 (म.प्र.)
  5. 1996 क्रिमनल लाँ जर्नल 111(बम्बई)
  6. 1988(3) क्राइम्स 161(163) केरल
  7. 1994 (2) क्राइम्स 511
  8. 1987 क्रिमनल लाँ जर्नल 257(262) राज.
  9. 1987 क्रिमनल लाँ जर्नल (एन.ओ.सी.)122 उड़ीसा
  10. 1996 क्रिमनल लाँ जर्नल 381
  11. 1988(3) क्राइम्स161(163) केरल
  12. 1994 (2) क्राइम्स 511
  13. 1987 क्रिमनल लाँ जर्नल 257(262) राज.
  14. 1953 राज.एल.डब्ल्यू 347
  15. ए.आई.आर.1936 अवध 379
  16. 1982 क्रिमनल लाँ जर्नल 19(22)
  17. आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम,2013
  18. आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम,2013
  19. आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम,2013
  20. आपराधिक विधि संशोधन अधिनियम,2013

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021
Date of Publication : 2021-06-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 124-129
Manuscript Number : SHISRRJ214324
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाँ स्नप्निल त्रिपाठी, श्रीप्रकाश यादव , "महिलाओ के लज्जा भंग को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता, 1860 के अन्तर्गत किए गए प्रावधानो का विधिक अध्ययन", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 3, pp.124-129, May-June.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214324

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