Manuscript Number : SHISRRJ214325
'दौड़' उपन्यास में बदलते सामाजिक संबंधों का चित्रण
Authors(1) :-पुष्पा यादव
आजादी के बाद भारतीय जीवन में जिस प्रकार राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन हुए, उसी प्रकार आधुनिक शिक्षा-दीक्षा से सामाजिक संबंधों में भी परिवर्तन होता जा रहा है। परम्परागत एवं नवीन मूल्यों में टकराव संघर्ष एवं संक्रमणशीलता दिखाई दे रहा है। इस उपन्यास में स्त्री-पुरुषों के प्रेम, विवाह एवं दाम्पत्य जीवन के बदलते हुए प्रतिमान सैटेलाइट पर चलते हुए दिखाई दे रहें हैं। स्त्री-पुरुषों की दासता को अस्वीकार करते हुए बराबरी का सम्मान तथा समानाधिकार पाना चाहती हैं साथ ही लिव इन रिलेशनशिप जैसी पश्चिमी समाज की प्रवृत्ति भी भारतीय समाज में प्रवेश कर चुकी है। वैश्विकरण, उदारीकरण, बाजारवाद तथा उपभोक्तावादी संस्कृति ने जब से समाज पर अपना वर्चस्व कायम किया तब से लोगों का जीवन उसकी चमक-धमक में सिमटता चला गया है।
पुष्पा यादव
दौड़ उपन्यास, सामाजिक संबंध, आर्थिक स्थिति, वैश्वीकरण, हिंदी कथा साहित्य। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021 Article Preview
शोध छात्रा, पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, पंजाब, बठिंडा
Date of Publication : 2021-06-10
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 130-135
Manuscript Number : SHISRRJ214325
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214325