किरातार्जुनीयम् में द्रौपदी के उपदेशों का राजनीतिक महत्त्व

Authors(1) :-डाॅ॰ सुजीत कुमार

द्रौपदी एक साधारण नारी होने के साथ-साथ नीति कुशल स्वाभिमानी क्षत्राणी है, जिसका भारतीय इतिहास की तेजस्वी नारियों में प्रमुख स्थान है । वह क्षमाशीलता को कायरता समझती है। द्रौपदी का शत्रु के प्रति युधिष्ठिर के सम्बोधन मंे जो तीक्ष्णता है, उसका कारण उसकी मनोदशा ही है। द्रौपदी का कथन व्यावहारिक एवं नीतिकुशल है, जो वर्तमान सन्दर्भ मंे एक समाज एवं राष्ट्र के वैभव मंे सहयोग प्रदान कर सकता है।

Authors and Affiliations

डाॅ॰ सुजीत कुमार
असि॰ प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, कर्मक्षेत्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, इटावा,उत्तर प्रदेश,भारत।

किरातार्जुनीयम्, संस्कृत, महाकाव्य, भारवि, राजनीतिक, द्रौपदी, सर्ग, सूक्ति।

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021
Date of Publication : 2021-06-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 20-24
Manuscript Number : SHISRRJ21436
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ॰ सुजीत कुमार, "किरातार्जुनीयम् में द्रौपदी के उपदेशों का राजनीतिक महत्त्व", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 3, pp.20-24, May-June.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21436

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