श्रीमद्भगवद् गीता में षैक्षिक विचार

Authors(1) :-डाॅ. कैलाष चन्द मीणा

श्रीमदभगवद गीता में श्री कृश्ण ने अर्जुन को जीवन जीने की सीख दी उन्होंने बताया कि व्यक्ति को मोह ममता का त्याग कर सही और गलत का निर्णय स्वयं करना चाहिए । भगवान श्री कृश्ण ने कहा कि जीना और मरना जन्म लेना और बढना विशयों का आना जाना सुख दुख का अनुभव ये ता संसार में होते ही हैं इनसे विचलित नहीं होना चाहिए एवं अपने कर्मपथ पर अविरल चलते रहना चाहिए । गीता में सामाजिक, चारित्रिक, सांवेगिक, षारीरिक, आध्यात्मिक, षिक्षा के साथ-साथ मनुश्य को साहसी, कर्मठी, स्वविवेकी, जिज्ञासु, श्रध्दावान, निर्भयी, वफादार, जिम्मेदार, चिन्तामुक्त, पर्यावरण व प्रकृति प्रेमी, कल्याणकारी, एकाग्रचिŸायुक्त, वैरभाव रहित, रागद्वेश रहित, स्वकर्म में तत्परी, व्यावहारिक ज्ञान में कुषल, स्वस्थ तथा ज्ञानी होने की भी षिक्षा दी गई ।

Authors and Affiliations

डाॅ. कैलाष चन्द मीणा
सहायक प्रोफेसर, षिक्षा षास्त्र विभाग, श्री लाल बहादुर षास्त्री राश्ट्रीय संस्कृत विष्वविद्यालय, केन्द्रीय विष्वविद्यालय नई दिल्ली, भारत।

श्रीमदभगवद गीता, शैक्षिक, अर्जुन, जीवन सामाजिक, चारित्रिक, सांवेगिक, षारीरिक, आध्यात्मिक, साहसी, कर्मठी, स्वविवेकी, जिज्ञासु, श्रध्दावान, निर्भयी, वफादार, जिम्मेदार, चिन्तामुक्त।

  1. श्रीमदभगवद गीता 22
  2. श्रीमदभगवद गीता 6
  3. श्रीमदभगवद गीता 21
  4. श्रीमदभगवद गीता 41
  5. श्रीमदभगवद गीता 62
  6. श्रीमदभगवद गीता 63
  7. श्रीमदभगवद गीता 17
  8. श्रीमदभगवद गीता 8
  9. 9 कुमार सम्भव 33
  10. श्रीमदभगवद गीता 30
  11. श्रीमदभगवद गीता 47
  12. श्रीमदभगवद गीता 3
  13. श्रीमदभगवद गीता 63
  14. श्रीमदभगवद गीता 34
  15. श्रीमदभगवद गीता 15
  16. श्रीमदभगवद गीता 21
  17. श्रीमदभगवद गीता 39
  18. श्रीमदभगवद गीता 11
  19. श्रीमदभगवद गीता 7
  20. श्रीमदभगवद गीता 17
  21. श्रीमदभगवद गीता 39
  22. श्रीमदभगवद गीता 37
  23. श्रीमदभगवद गीता 56
  24. श्रीमदभगवद गीता 22
  25. श्रीमदभगवद गीता 5
  26. श्रीमदभगवद गीता 78
  27. श्रीमदभगवद गीता 45
  28. श्रीमदभगवद गीता 13
  29. श्रीमदभगवद गीता 11
  30. श्रीमदभगवद गीता 55
  31. श्रीमदभगवद गीता 13
  32. श्रीमदभगवद गीता 11
  33. मत्यपुराण
  34. श्रीमदभगवद गीता 25
  35. श्रीमदभगवद गीता 35
  36. श्रीमदभगवद गीता 38
  37. श्रीमदभगवद गीता 39
  38. विश्णुपुराण
  39. 39़ म भा भीश्मपर्व अ043/1

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021
Date of Publication : 2021-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 139-149
Manuscript Number : SHISRRJ21438
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. कैलाष चन्द मीणा, "श्रीमद्भगवद् गीता में षैक्षिक विचार ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 1, pp.139-149, January-February.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21438

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