Manuscript Number : SHISRRJ21442
शब्दशास्त्र महिमा आज के संबंध में
Authors(1) :-डाॅ0 हरिशंकरमणि त्रिपाठी अर्थविषयक बोध शब्द के बिना सम्भव नहीं है और शब्दों का तात्त्विक बोध व्याकरण के बिना सम्भव नहीं है। लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि अर्थप्रवृत्ति का मूलतत्त्व विवक्षा है, न कि किसी वस्तु (अर्थ, पदार्थ) का होना या न होना। तपती जेठ की दुपहरी में यदि कोई कहे’’ आज तो आकाश से अंगारे बरस रहे हैं।’’ तो जलते अंगारे और बारिस इन दोनों पदार्थों के वहाँ न होने पर भी अर्थप्रवृत्ति होती है।
डाॅ0 हरिशंकरमणि त्रिपाठी अर्थविषयक, शब्दः, व्याकरण, शास्त्रम्, संस्कृत, वाङ्मय, भाषा। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 4 | July-August 2021 Article Preview
सहायकप्राध्यापकः व्याकरणविभागः, जे. एन. एम. संस्कृत महाविद्यालयः, चाईबासा, मण्डलम्-पश्चिमी सिंहभूम, झारखण्डराज्यम्, भारत।
Date of Publication : 2021-07-10
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Page(s) : 10-13
Manuscript Number : SHISRRJ21442
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21442