Manuscript Number : SHISRRJ214425
स्कन्दपुराणकालिक शिक्षा व्यवस्था
Authors(1) :-डाॅ0 वन्दना सिंह शिक्षा विषय जो पौराणिक उद्धरण उपलब्ध होते हैं, उनमें विद्यार्थी जीवन का स्वरूपांकन, आचार्य और शिष्य का सम्बन्ध, विद्यार्थी जीवन की महत्ता तथा आचार्य की स्थिति के गौरव पर अधिक बल दिया गया है।
डाॅ0 वन्दना सिंह शिक्षा, पौराणिक, विद्यार्थी, शिष्य, स्कन्दपुराणकालिक, समाज, संस्कार। निगृह्यमाणा वटवः पदे पदे यूजंषि सामानि च यस्य शंकिताः।। कादम्बरी, पूर्व, भाग। परित्यजति यो मोहात्ते वै नग्नादयो जनाः।। वायुपुराण, 78.27, ब्रह्माण्डपुराण, 3/14/35 एतामुज्झति यो मोहात्स नग्नः पातकी द्विजः।।विष्णपुराण 2/17/5 Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 4 | July-August 2021 Article Preview
असिस्टेन्ट प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, प्रताप बहादुर स्नातकोत्तर महाविद्यालयत्र प्रतापगढ़ सिटी, प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2021-08-10
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 35-41
Manuscript Number : SHISRRJ214425
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214425