स्कन्दपुराणकालिक शिक्षा व्यवस्था

Authors(1) :-डाॅ0 वन्दना सिंह

शिक्षा विषय जो पौराणिक उद्धरण उपलब्ध होते हैं, उनमें विद्यार्थी जीवन का स्वरूपांकन, आचार्य और शिष्य का सम्बन्ध, विद्यार्थी जीवन की महत्ता तथा आचार्य की स्थिति के गौरव पर अधिक बल दिया गया है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 वन्दना सिंह
असिस्टेन्ट प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, प्रताप बहादुर स्नातकोत्तर महाविद्यालयत्र प्रतापगढ़ सिटी, प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश।

शिक्षा, पौराणिक, विद्यार्थी, शिष्य, स्कन्दपुराणकालिक, समाज, संस्कार।

  1. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड तृतीय भाग 74.2
  2. गौतम धर्मसूत्र 1.6.12
  3. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड प्रथम भाग 11.41
  4. स्कन्दपुराण, केदारखण्ड 27.2
  5. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड चतुर्थ भाग 76.13
  6. वहीं 86.3
  7. ब्रह्मवर्चसकामस्य कार्य विप्रस्य पंचमें राज्ञों बलार्थिनःषष्ठे वैश्यस्यार्थिनोऽष्टमें। मनुस्मृति, 2/27, राजबली पाण्डेय हिन्दू संस्कार, पु0 154
  8. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड प्रथम भाग 11.42.43
  9. छान्दोग्य उपनिषद् 1/11/4
  10. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड चतुर्थ भाग 86.3.4
  11. मत्स्यपुराण 215/58
  12. स्कन्दपुराण, प्रभासखण्ड प्रथम अध्याय
  13. स्कन्दपुराण, प्रभासखण्ड 36.23
  14. वायुपुराण 83/115 ब्रह्माण्ड पुराण 3/20/19
  15. जगुर्गृहेऽभ्यस्तसमस्त वाङ्मयैः संसारिकैः पंजरवर्तिभिः शुकैः।।

निगृह्यमाणा वटवः पदे पदे यूजंषि सामानि च यस्य शंकिताः।। कादम्बरी, पूर्व, भाग।

  1. अभिज्ञानशाकुन्तलम प्रथम अंक
  2. विद्या तपश्च कीर्तिश्च स तीर्थफलमश्नुते।। वनपर्व 82/9
  3. स्कन्दपुराण, प्रभासखण्ड 1.3
  4. स्कन्दपुराण, प्रभासखण्ड 1.27-29
  5. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड चतुर्थ भाग 86.20
  6. हिन्दू-धर्म का गौरवग्रन्थ-कृष्ण बल्लभ द्विवेदी पृ 243
  7. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड प्रथम भाग-एकादश अध्याय
  8. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड चतुर्थ भाग 86.3-100
  9. सर्वेषामेव भूतानां त्रयी संवरणं स्मृतम।

परित्यजति यो मोहात्ते वै नग्नादयो जनाः।। वायुपुराण, 78.27, ब्रह्माण्डपुराण, 3/14/35

  1. ऋग्यजुस्सामज्ञेयं त्रयीवर्णावृतिद्र्विज।

एतामुज्झति यो मोहात्स नग्नः पातकी द्विजः।।विष्णपुराण 2/17/5

  1. सर्वेभ्योऽपि शब्देभ्यो वेदराशिर्महामुने।। ब्रह्माण्डपुराण, 4/38/3
  2. सन्यसेत्सर्वकर्माणि वेदमेकं न सन्यसेत्।। वायुपुराण 105/28
  3. स्कन्दपुराण, काशीखण्ड प्रथम भाग 9.49-50
  4. स्कन्दपुराण, प्रभास खण्ड 3.110
  5. स्कन्दपुराण, केदार खण्ड 64.138-147
  6. स्कन्दपुराण, केदारखण्ड 62.78-83
  7. संध्यामुपास्य यः पूर्वा स्कन्दस्य चरितं पठेत्। मत्स्यपुराण 7/14
  8. कथाश्च विविधाः शुभाः। वायुपुराण 101/305

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 4 | July-August 2021
Date of Publication : 2021-08-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 35-41
Manuscript Number : SHISRRJ214425
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 वन्दना सिंह, "स्कन्दपुराणकालिक शिक्षा व्यवस्था ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 4, pp.35-41, July-August.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214425

Article Preview