भारतेन्दु युग के नाटक : आधुनिक रंगमंच का उत्थान

Authors(1) :-आकाश कुमार

भारतेन्दु-युग पुनर्जागरण का युग था। सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्ष करने के इस युग में सामाजिकता की भावना पर बल दिया गया। खंड-खंड बँटे इस समाज को एक सूत्र में पिरोने की बात की गई। विभिन्न समाजसुधारक संगठनों में यह पद्धति देखी जा सकती है (आर्य समाज, प्रार्थना समाज आदि) । इसलिए इस युग में अगर नाटक की विधा ने जोड़ पकड़ा तो आश्चर्य की बात नहीं हैं। भारतेंदु मण्डली के लेखकों ने विभिन्न नाटकों का अनुवाद हिंदी में किया, स्वयं नाटकों की रचना की और इससे आगे बढ़कर उनका मंचन भी किया। यह तत्कालीन समय की जरूरत भी थी और नाटक विधा के साथ तर्कसंगत न्याय भी। भारतेंदु युग के लेखकों ने राष्ट्रीय रंगमंच निर्मित करने की दिशा में काम किया। आधुनिक हिंदी गद्य साहित्य की शुरुआत नाटकों से हुई, इसके पीछे संस्कृत और लोकनाट्य की परंपरा मौजूद थी जिसे इस युग के लेखकों ने पुनर्जीवित किया। इस दौर के नाटकों ने कैसे नाटक जैसी विधा को विकसित किया इसपर यह शोधपत्र केन्द्रित है।

Authors and Affiliations

आकाश कुमार
सहायक प्राध्यापक (हिंदी),दाउदनगर महाविद्यालय, दाउदनगर, औरंगाबाद, बिहार

नाटक, रंगमंच, दृश्यकाव्य, भारतेंदु, प्रसाद, नाट्यशास्त्र, नाट्य|

  1. भारतेंदु लिखते हैं - “हिन्दी का जो सबसे पहला नाटक खेला गया, वह ‘जानकीमंगल’ था। स्वर्गवासी मित्रवर बाबू ऐश्वर्यनारायण सिंह के प्रयत्न से चैत्र शुक्ल II संवत 1925 में बनारस थियेटर में बड़ी धूमधाम से यह खेला गया।"
  2. देखें, समालोचक, अंक 3, (सं) रामविलास शर्मा, अनामिका पब्लिषर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स (प्रा॰) लिमिटेड, नई दिल्ली, 2005, पृष्ठ 32
  3. डॉ. बच्चन सिंह, हिन्दी नाटक, 1989, राधाकृष्ण प्रकाशन प्रा॰लि॰, नई दिल्ली, पृष्ठ 30
  4. देखें, डॉ. बच्चन सिंह, 1989, पृष्ठ 30
  5. वही, पृष्ठ 40
  6. वही, पृष्ठ 44
  7. वही
  8. देखें, समालोचक, 2005, पृष्ठ 29
  9. वही
  10. देखें, रामस्वरूप चतुर्वेदी, हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, पृष्ठ 15

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 4 | July-August 2021
Date of Publication : 2021-08-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 56-60
Manuscript Number : SHISRRJ214429
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

आकाश कुमार, "भारतेन्दु युग के नाटक : आधुनिक रंगमंच का उत्थान", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 4, pp.56-60, July-August.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214429

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