Manuscript Number : SHISRRJ214614
साम्प्रतिक पात्र, चरित्र-चित्रण-विमर्श
Authors(1) :-बिन्दू साहू सारांश- आचार्य प्रभुदत्त शास्त्री ने भारतीय समाज एवं गणपति के जीवन से सम्बद्ध विविध घटनाओं को अत्यन्त मार्मिकता से संजोया है। कवि ने संस्कृति के स्वरूप को उसके वास्तविक रूप में रखने के लिए गणपति के जीवन चरित्र को माध्यम बनाया है। चरित्र चित्रण कला की उत्कृष्टता एवं अनुपमयेता इससे स्पष्ट हो जाती है कि पात्र अपने व्यक्तित्व की विशेषताओं को संजोय हुए सहस्त्रों वर्षों के पश्चात भी चिर नूतन एवं सुन्दर है। गणपति सम्भवम् महाकाव्य का चरित्रांकन शास्त्रीय दृष्टिकोण से संवलित होते हुए भी राह बदल देने की भी क्षमता रखते है। इसके अतिरिक्त परवर्ती कृतियों अथवा विभिन्न भाषाओं के साहित्य में भी संस्कृत साहित्य के प्रमुख कारण है उन पत्रों अथवा चरित्र की सार्वभौमिकता तथा मानव समाज को अधिकाधिक रूप में प्रभावित कर देने की क्षमता है।
बिन्दू साहू समाज, वास्तविकता, चरित्र-चित्रण, अभिनव, क्षमता, संस्कृत-साहित्य,पं0 प्रभुदत्त शास्त्री।
Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 6 | November-December 2021 Article Preview
वरिष्ठ शोधच्छात्रा, संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती मानित, विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2021-11-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 188-192
Manuscript Number : SHISRRJ214614
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214614