पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तनः चिन्तन, चुनौतियाँ एवं समाधान

Authors(1) :-डॉ. राजेश कुमार मिश्रा

‘पर्यावरण’ नवनिर्मित पारिभाषिक शब्द है, लेकिन इसके पूर्व, इसके व्यवहार हेतु यहां ‘परिधि’ और ‘परिवेश’ का प्रचलन रहा है। अथर्ववेद में ‘परिधि’ अधिक विस्तृत रूप में स्वीकृत है । गो, अश्व एवं पशु आदि सभी प्राणियों के जीवन के लिए एक परिधि अत्यावश्यक है । पर्यावरण व जलवायु का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से है । इसके अन्तर्गत आने वाली विभिन्न घटकों से समस्त जीवन प्रभावित होती है । इसका सीधा सा अर्थ है कि जलवायु के परिवर्तन से पूरा विश्व और इसके अन्तर्गत आने वाली समस्त जीवन-प्रणाली प्रभावित होती है और सतत विकास के लिए चुनौतियाँ खड़ी करती है ।

Authors and Affiliations

डॉ. राजेश कुमार मिश्रा
प्रभारी, संगणक एवं सूचना प्रौद्योगिकी अनुभाग उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान डाक घर आर. एफ. आर. सी., मंडला रोड जबलपुर (म. प्र.), भारत

पर्यावरण, जलवायु, प्रदूषण

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 3 | May-June 2022
Date of Publication : 2022-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 21-24
Manuscript Number : SHISRRJ22531
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. राजेश कुमार मिश्रा , "पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तनः चिन्तन, चुनौतियाँ एवं समाधान", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 3, pp.21-24, May-June.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ22531

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