महात्मा गांधी का आर्थिक दर्शन और पर्यावरण संरक्षण

Authors(1) :-डाॅ. गीता सिंह

गांधी जी का चिंतन उनके व्यावहारिक जीवन के अनुभवों पर आधारित था जो समाज के निम्नतम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण को समाहित करने वाला था। उन्होने कोरी कल्पना नही की जैसी प्रायः चिंतक करते है अपितु उस पर आचरण भी करके दिखाया। यही कारण है कि उनकी मान्यतायें आज भी पूर्णतः व्यवहार मे लाए जा सकने योग्य हैं।

Authors and Affiliations

डाॅ. गीता सिंह
प्राध्यापक अर्थशास्त्र,शास. कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय,रीवा (म.प्र.),भारत।

महात्मा गांधी, आर्थिक, दर्शन, पर्यावरण, संरक्षण।

  1. डाॅ. आर. के. गुप्ता, पर्यावरण शिक्षा एवं संरक्षण, ैूंतंदरंसप च्नइसपबंजपवदण्
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Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 3 | May-June 2022
Date of Publication : 2022-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 114-118
Manuscript Number : SHISRRJ225464
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. गीता सिंह, "महात्मा गांधी का आर्थिक दर्शन और पर्यावरण संरक्षण ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 3, pp.114-118, May-June.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225464

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