कामकाजी स्त्री आ दांपत्य जीवन

Authors(1) :-श्रवण कुमार

दांपत्य जीवन पारिवारिक जीवनक मूल आधार अछि। दांपत्ये ओ मूल बिंदु अछि जतय सब संबंधक रेखा आबि कऽ कतहु ने कतहु मिलैत अछि। भारतीय समाजमे दांपत्यक आधारशिला प्रेम अछि। दांपत्यक विशिष्टता पति-पत्नीक परस्पर प्रेम, समर्पण, त्याग आ उदारतामे रहैत अछि। विवाह बंधनक परिकल्पना जन्म-जन्मांतरक अटूट संबंधमे कयल जाइत अछि। विवाहित जीवनक अर्थ अछि जे पति-पत्नी एक दोसरकेँ समझथि, बुझथि, परस्पर प्रेम करथि। दांपत्य जीवनक अपन सुख अछि जे असीम अछि। शारीरिक, मानसिक तृप्ति, परस्पर सौहार्द, परस्पर सम्मानक भावना, विश्वास, सहानुभूति आ समानधर्मिता ई सब दांपत्य जीवनक महत्वपूर्ण तत्व अछि। मधुर दांपत्य जीवनक लेल पति-पत्नी दुनूकेँ आपसमे समझबाक, बुझबाक आवश्यकता होइत अछि। एहि कारणसँ गैर कामकाजी स्त्री आ अशिक्षित स्त्री सेहो मधुर दांपत्य जीवन भोगैत अछि। एकर विपरीत आत्मनिर्भर, सुशिक्षित स्त्री बेसी प्रयास कयलोपर मधुर दांपत्य जीवन बिताबऽमे विफल भऽ जाइत छथि। खाली शिक्षा आ धनेसँ सुखी दांपत्य जीवन नहि बितायल जा सकैत अछि। पति-पत्नीक नित्य कलहसँ कतेको समस्याक जन्म होइत अछि। एकरासँ संपूर्ण जीवनक नैया डगमगाय लगैत अछि। समयक साथ परिवर्तित समाजमे विवाहक मंगलमय स्वरूप कतेक अंशमे बदलि चुकल अछि। सिंदूर जे सौभाग्यक आ अक्षय पतिव्रताक चिन्ह बुझल जाइत अछि, आजुक समयमे अपन अर्थक अवस्थासँ क्षीण भऽ रहल अछि।

Authors and Affiliations

श्रवण कुमार
ओल्ड पी.जी. कैम्पस, तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर,भारत।

  1. वैशाली की नगरवधू
  2. परसों के बाद
  3. अपने-अपने कनक
  4. शेष यात्रा
  5. उम्र एक गलियारे की

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 3 | May-June 2022
Date of Publication : 2022-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 128-133
Manuscript Number : SHISRRJ225467
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

श्रवण कुमार, "कामकाजी स्त्री आ दांपत्य जीवन ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 3, pp.128-133, May-June.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225467

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