संस्कृत महाकाव्य में काव्यशास्त्री तत्वों का सामान्य परिचय

Authors(1) :-दिलीप कुमार

संस्कृत साहित्य में काव्यशास्त्र के लिए अलंकारशास्त्र, काव्यालंकार, साहित्यविद्या, क्रियाकल्प आदि शब्दों के प्रयोग मिलते है। इनमें अलंकारशास्त्र शब्द सर्वाधिक प्रचलित माना जाता है। भामह, वामन तथा उद्ट आदि प्राचीन आचार्यों ने काव्यविवेचन से सम्बद्ध ग्रन्थों के नाम में काव्यालंकार शब्द का प्रयोग किया है। इसे अलंकारशास्त्र कहने के दो कारण हो सकते हैं। काव्यशास्त्र अथवा साहित्यशास्त्र का चैथा काल व्याख्या काल कहलाता है। इसका विस्तार आचार्य मम्मट से लेकर आचार्य जगन्नाथ और आचार्य विश्वेश्वर तक स्थित है।

Authors and Affiliations

दिलीप कुमार
शोधछात्र, संस्कृत विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश।

संस्कृत, महाकाव्य, काव्यशास्त्र, सौन्दर्यजनक, अलंकार, रंस।

  1. चतुर्वेदी, ब्रजमोहन, भारतीय, सौन्दर्य दर्शन, हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1989।
  2. चतुर्वेदी, ब्रजमोहन, रस सिद्धान्त के अनालोचित पक्ष, अजन्ता, पब्लिकेशन्स, नई दिल्ली, 1978।
  3. चतुवेर्दी, ममता, सौन्दर्यशास्त्र, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, 2009।
  4. चैधरी, सत्यदेव गुप्त, शान्तिस्वरूप, भारतीय तथा पाश्चात्य काव्यशास्त्र का संक्षिप्त विवेचन, अशोक प्रकाशन, नई सड़क, दिल्ली, 2004।
  5. जैन, डाॅ, निर्मला, रस सिद्धान्त और शौन्दर्यशास्त्र, वाणी प्रकाशन, दरियागंज, नई दिल्ली, 1999।
  6. टण्डन, पूरनचन्द्र, सौन्दर्य विमर्श, संजय प्रकाशन, दरियागंज, दिल्ली, 2004।
  7. डे, सुशील कुमार, संस्कृत काव्यशास्त्र का इतिहास, अनुवादक - मायाराम शर्मा, बिहार हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, पटना, 2001।
  8. डाॅ, नगेन्द्र, रस सिद्धान्त, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दरियागांज, नई दिल्ली, 1964।
  9. डाॅ, नगेन्द्र, भारतीय सौन्दर्यशास्त्र की भूमिका, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दरियागंज, नई दिल्ली, 2005।
  10. बारलिंगे, डाॅ, सुरेन्द्र एस. सौन्दर्य तत्त्व और काव्य सिद्धान्त, डाॅ मनोहर काले, नेशनल पब्लिशिंग हाउस दिल्ली, 1963।
  11. मिश्र, अभिराजराजेन्द्र, संस्कृत का अर्वाचीन समीक्षात्मक काव्यशास्त्र, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी, 2010।
  12. हीरा, राजवंश सहाय, भारतीय काव्यशास्त्र (संस्कृत) का इतिहास, चैखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी, 2000।
  13. त्रिपाठी, डाॅ रमाकान्त, संस्कृत नाट्य सिद्धांत, चैखम्भा विद्याभवन वाराणसी 1969।
  14. अग्रवाल, मदन मोहन, राम स्वरूपनिरूपणम् भार्गव बुक हाउस, राजामण्डी आगरा, 1976।
  15. अवस्थी, बच्चूलाल, ध्वनिसिद्धांत तथा तुलनीय साहित्य विवेचन, मध्य प्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1972।
  16. अशोक, कला, सौन्दर्य और समीक्षाशास्त्र, संजय पब्लिकेशन, आगरा 2006।
  17. उपरति, टी. सी. काव्यप्रकाश (टवस.1) परिमण पब्लिकेशन्स, दिल्ली, 1958।
  18. उपाध्याय, शिव जी, साहित्य संदर्भ: श्रीमती मीरा उपाध्याय, 14 अध्यापक आवास, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, 1990।
  19. उपाध्याय, बलदेव, संस्कृत साहित्य का इतिहास, शारदा निकेतन, वाराणसी, 2001।
  20. उपाध्या, बलदेव, संस्कृत आलोचना उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ, 2009।
  21. कौर, अमरजीत, संस्कृत काव्यशास्त्र पर भारतीय दर्शन का प्रभाव, भारतीय विद्या प्रकाशन, वाराणसी, 1979।
  22. कृष्ण कुमार, अलंकारशास्त्र का इतिहास, साहित्य भण्डार, मेरठ, 1975।
  23. गुप्त, गुणपति चन्द्र, साहित्य की आत्मा, विश्वभारती प्रकाशन, चण्डीगढ़, 1964 ई.।
  24. अवस्थी, बल्लूलाल, ध्वनि सिद्धांत तथा तुलनीय साहित्य विवेचन, मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1972।
  25. अशोक, कला, सौन्दर्य और समीक्षाशास्त्र, संजय पब्लिकेशन्स आगरा, 2006।
  26. गुप्त, डाॅ, सुरेन्द्रनाथ, सम्पादक आनन्द प्रकाश दीक्षित, सौन्दर्यतत्त्व, हिन्दी विभाग, गोरखपुर, विश्वविद्यालय, गोरखपुर, 1995 ई.।
  27. चतुर्वेदी, ब्रजमोहन, भारतीय सौन्दर्य दर्शन, हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल, 1989।
  28. डी. भालशंकर व्यास, कुवलयानंद, अप्पयदीक्षित, चैखम्बा विद्याभवन वाराणसी।
  29. गंगा सागर राय (सं.) राजशेखर की काव्यमीमांसा, चैखम्बा विद्यााभवन वाराणसी।
  30. आचार्य जगन्नाथ पाठक, श्री आनंदवर्धनाचार्य का ध्वन्यालोक, चैखम्बा विद्याभवन, वाराणसी।
  31. ब्रह्मानंद त्रिपाठी, (ईडी)। राजानक महिमाभट्ट का व्यक्तिविवेक, चैखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी, 2005।
  32. के. कृष्णमूर्ति, कुन्तका की वक्रोक्ति - जीविता रूपान्तरण सहित आलोचनात्मक रूप से संपादित, परिचय और अंग्रेजी अनुवाद, कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़ 1977
  33. बदायनाथ झा और मदन मोहन झा (संपादक)। पंडितराज जगन्नाथ का रसगंगादर, चैखंबा विद्याभवन, वाराणसी, द्वितीय संस्करण-2012।
  34. आर. एस. नगर (ंसं.) भरतमुनि का नाट्ययशास्त्र, खंड-1-4, परिमल प्रकाशन, दिल्ली, 1983.
  35. पं. बदरीनाथ झा और पं. मदन मोहन झा (सं.) पंडितराज जगन्नाथ की रसगंगाधारा, चैखम्बा विद्याभवन, वाराणसी।
  36. नागनाथ शास्त्री. पी. वी. भामह का काव्यालंकार, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, दूसरा संस्करण-
  37. पंडित रामदेव शुक्ला, रुद्रता का काव्यालंकार, चैखम्बा विद्याभवन, वाराणसी।
  38. योगेश्वरदत्त शर्मा, आचार्य दण्डी-काव्यादर्श, नाग पब्लिशर्स, दिल्ली, 1999।
  39. हरगोविंद शास्त्री, आचार्य वामन का काव्यलंकारसूत्र, चैखम्बा सुरभारती प्रकाशन वाराणसी।
  40. आचार्य शेषराज शर्मा रेग्मी, साहित्यदर्पण, चैखम्बा कृष्णदास अकादमी, वाराणसी।
  41. एम. एम. रेवाप्रसाद द्विवेदी। भोजराज द्वारा श्रृंगारप्रकाश। खंडप् और खंड प्प्ए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली और कालिदास संस्थान, वाराणसी, 2007।
  42. आर. सी. द्विवेदी, अलंकाररसर्वस्वसंजीवनी, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, 1965।
  43. काव्यालंकार (भामह), देवेन्द्र नाथ शर्मा, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना, 1985।
  44. काव्यालंकार (रुद्रट), श्री रामदेव शुक्ल, चैखम्बा विद्या भवन वाराणसी।
  45. काव्यलंकार कारिका - रेवा प्रसाद द्विवेदी, कालिदास संस्थानम् वाराणसी 1977।
  46. काव्यालंकारसूत्रवृत्ति (वामन), व्या आचार्य विश्वेश्वर, आत्माराम एण्ड सन्स प्रकाशन, दिल्ली, 1954।
  47. काव्यालंकार सारसंग्रह (उद्भट) डाॅ. राममूर्ति त्रिपाठी, हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, 1966।

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 3 | May-June 2022
Date of Publication : 2022-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 155-160
Manuscript Number : SHISRRJ225471
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

दिलीप कुमार, "संस्कृत महाकाव्य में काव्यशास्त्री तत्वों का सामान्य परिचय", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 3, pp.155-160, May-June.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225471

Article Preview