Manuscript Number : SHISRRJ225518
हर्षचरितम् में दर्शनशास्त्रीय विवेचन
Authors(1) :-रेखा जैसवार
इसमें बाणभट्टकृत हर्षचरित में उल्लिखित विभिन्न दार्शनिक तत्त्वों को उपस्थित किया गया है। बाण के हर्षचरित में षड्-दर्शन के प्रसंग उपलब्ध हैं जिसमें वस्तुतः सभी भारतीय विद्याओं के गम्भीर विवेचन में दार्शनिक विचारों का पुट मिलता है। इसके अध्ययन से ज्ञात होता है कि दर्शन जीवन दृष्टि को देखने की विधा है। धर्म जीव की आचार्य पद्धति है तो दर्शन मनुष्य की बौद्धिक परिपुष्टि है। इस प्रकार हमें व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
रेखा जैसवार
लोकायत, आर्हत्, बौद्ध, कोश, त्रिसरण, प्रमाण, वैशेषिक, द्रव्य। Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 5 | September-October 2022 Article Preview
शोधच्छात्रा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, भारत।
Date of Publication : 2022-10-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 86-89
Manuscript Number : SHISRRJ225518
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225518