महिला उद्यमिता - समस्याएं और संभावनाएं

Authors(1) :-Rajesh Kumar

पढ़ी-लिखी महिलाएँ घर की चार दीवारी में अपने जीवन को सीमित नहीं रखना चाहतीं। वे अपने सहयोगियों से समान सम्मान की मांग करती हैं । हालांकि, भारतीय महिलाओं को समान अधिकार और स्थिति हासिल करने के लिए अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना हैक्योंकि भारतीय समाज लम्बे समय से एक पुरुष प्रधान रहा समाज है जिसमे रुढ़िवादी परम्पराओं की जड़ें बहुत गहराई तक फैली हुयी है । भारतीय समाज में महिलाओं को कमजोर माना जाता है क्योंकि उनके पास उन अधिकारों कि कमी होती है जो एक पुरुष को प्राप्त होते है और उन्हें हमेशा अपने पूरे जीवन में पुरुषों पर निर्भर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है । हमारी संस्कृति ने उन्हें बुनियादी परिवार संरचना से सम्बन्धित पुरुषों द्वारा लिए गए निर्णयों का केवल अधीनस्थ और निष्पादक बनाकर रख दिया है । एक तरफ तो महिलायों को समाज में शक्ति का रू।माना जाता है और दूसरी और उनकी अवहेलना भी की जाती है । महिलायें शायद दुनिया का ऐसा मानवीय संशाधन जिसकी शक्तियों का अभी तक पूर्ण प्रयोग नहीं किया गया है । सभी प्रकार की सामाजिक बाधाओं के बावजूद भारत महिलाओं की सफलता की कहानियों के साथ काम कर रहा है। बहुत सी महिलायों ने अपने कार्य और प्रतिभा के दम पर भारत देश में अपनी एक अद्भुत छवि का निर्माण किया है और संबंधित क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए पुरे विश्व में उनकी सराहना की जाती है। सामाजिक सरंचना में अमूल चूल परिवर्तन, महिलाओं की बढ़ती शैक्षिक स्थिति और विविधताओं के संदर्भ में बेहतर जीवन जीने की आकांक्षाओं के कारण भारतीय महिलाओं की जीवन शैली में बदलाव आया। इस पुरुष प्रधान समाज में उन्होंने डटकर हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा की और सफलतापूर्वक जीवन के हर क्षेत्र में उसके साथ खड़ा होने कि अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया , व्यवसाय भी इससे अछुता नहीं रहा है । अब भारतीय महिला नेता मुखर, प्रेरक और जोखिम उठाने को तैयार हैं। वे अपनी मेहनत,लगन और दृढ़ता से इस गलाकाट प्रतियोगिता में अपने अस्तित्व को बनाये रखने और सफल होने में कामयाब रहीं । निर्णयों में दृढ़ता, खुली शैली , जल्दी सीखने की क्षमता,समस्या को आसानी से हल करना, जोखिम उठाने और संभावनायें खोजने की इच्छा, लोगों को प्रेरित करने की क्षमता, सफलता प्राप्त करने कि इच्छा , सबके साथ मिलकर कार्य करना आदि भारतीय महिला उधमियो कि विशेषताएँ है ।

Authors and Affiliations

Rajesh Kumar
Assistant Professor, Govt. College Bhattu Kalan, Fatehabad, India

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 3 | May-June 2023
Date of Publication : 2023-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 25-37
Manuscript Number : SHISRRJ23636
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

Rajesh Kumar, "महिला उद्यमिता - समस्याएं और संभावनाएं ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 3, pp.25-37, May-June.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23636

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