बाल श्रम - एक सामाजिक अपराध

Authors(1) :-कविता कनौजिया

शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 1 अप्रैल 2010 को पूरे भारत पर लागू कर दिया गया था। केंद्र सरकार ने इस अधिनियम को लागू जरुर कर दिया पर इसे पूरी तरह से क्रियान्वित करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी प्राथमिक स्तर पर शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों की है। क्योंकि इस अधिनियम में बनाए गए लगभग सभी नियमों का अनुपालन सबसे पहले शिक्षकों को करना होता है और कोई भी शिक्षक अधिनियम के क्रियान्वयन में अपना पूरा योगदान देने में तभी सफल होगा जब वह शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के अंतर्गत निर्धारित विभिन्न नियमों, अधिनियम एवं कानूनों को अच्छी तरह से समझने में सफल होगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के विभिन्न प्रावधानों के संबंध में शिक्षकों की जानकारी उसकी जागरूकता को बढ़ाने में उसकी मदद करेगा।

Authors and Affiliations

कविता कनौजिया
असि. प्रो. समाजशास्त्र विभाग, उपाधि महाविद्यालय, पीलीभीत, भारत

प्राथमिक, विद्यालय, शिक्षक, शिक्षा, अधिकार, अधिनियम-2009।

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Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 3 | May-June 2023
Date of Publication : 2023-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 60-63
Manuscript Number : SHISRRJ23640
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

कविता कनौजिया, "बाल श्रम - एक सामाजिक अपराध ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 3, pp.60-63, May-June.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23640

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